Tag: Kumar Ajay
स्वीकार के अलावा हमारे पास कोई रास्ता नहीं है…
डायरी/ कुमार अजय
कोई हमें कहना चाहता है, हम नहीं सुन पाते और वह खामोश हो जाता है। यहां उल्टा हुआ। वे मुझे सुनना चाह...
तुझे एतबार-ओ-यकीं नहीं, नहीं दुनिया इतनी बुरी नहीं
डायरी/कुमार अजय
महीने के आखिरी दिन हैं। परसाई जी के शब्दों में कहें तो पूर्णमासी का चांद कभी का डूब चुका है। बैंक खाते में...