चूरू। राज्य सरकार की विशेष पहल पर समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्तियों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को लाभान्वित करने के लिए शुरू किए गए प्रशासन गांवों के संग अभियान वास्तव में जरूरतमंद पात्र व्यक्तियों के लिए वास्तव में वरदान साबित हो रहा है। सोमवार को रतनगढ़ ब्लॉक के भुखरेड़ी में लगा शिविर दिव्यांग मदनलाल जाट के लिए उपयोगी साबित हुआ। भुखरेड़ी के मदनलाल के रिहायशी मकान का पट्टा पिछले काफी समय से नहीं बन पा रहा था। जब उन्हें अपने ही गांव में शिविर की सूचना मिली तो उन्होंने ग्राम पंचायत में पट्टे के लिए आवेदन किया। उसने बताया कि 40-50 वर्ष पुराना उसका पुश्तैनी घर का पट्टा बनवाने के लिए उसने कई बार कोशिश की लेकिन हर बार कोई न कोई पेचीदगी बताए जाने से पट्टा नहीं बन पाया। पूर्व में इस आबादी भूमि में सभी भाइयों एवं अन्य की सामलाती होने से एवं बाद में पारिवारिक बंटवारा होने पर मदनलाल के हिस्से में आने पर पट्टे के लिए कोशिश की गई लेकिन पट्टा नहीं बन पाया। फिर मदनलाल की पत्नी सड़क हादसे में दिमागी चोट के कारण मानसिक विकलांग हो गई। उसके कुछ वर्ष बाद मदनलाल स्वयं खेजड़ी से गिरने के कारण पैरों से विकलांग हो गया। इस कारण कहीं जा नहीं पाया।
मदनलाल को शिविर के बारे में पता चला तो वह ट्राई साईकिल से शिविर प्रभारी अधिकारी विजेंद्र चाहर के समक्ष पेश हुआ और पट्टे के लिए अनुरोध किया। शिविर प्रभारी द्वारा मौके पर ही उपस्थित विकास अधिकारी को पत्रावली तैयार करने एवं तत्काल पट्टा जारी करने के निर्देश दिए। विकास अधिकारी द्वारा तुरन्त ही ग्राम विकास अधिकारी एवं सरपंच को पत्रावली तैयार करने एवं जांच कर पट्टा जारी करने के लिए कहा। मौके की जांच हुई एवं पत्रावली संबंधित सभी औपचारिकताएं मौके पर ही पूर्ण कर मदनलाल को अविलम्ब पट्टा जारी कर दिया गया। एडीएम डॉ.नरेन्द्र चौधरी, शिविर प्रभारी (उपखण्ड अधिकारी), विकास अधिकारी एवं तहसीलदार ने जब अपने हाथों से मदनलाल को आवासीय भूमि का पट्टा दिया गया तो मदनलाल का चेहरा खुशी से खिल उठा। इस पर मदनलाल ने कहा कि वह पूरे प्रशासन और सरकार का आभारी है कि मुझे पट्टा मिला।
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