भाखड़ा प्रणाली की समस्याओं के निराकरण की मांग

0
424

भाखड़ा के किसानों ने किया प्रदर्शन

हनुमानगढ़। हिमांशु मिढा। भाखड़ा क्षेत्र के किसानों ने गुरूवार को सिंचाई विभाग पर प्रदर्शन कर मुख्य अभियंता को इंदिरा गांधी 496 आरडी लिंक चैनल को नीचा करने व भाखड़ा प्रणाली की अन्य समस्याओं के निदान के संबंध में रायसिंह बंन्सरीवाला के नेतृत्व में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि इन्दिरा गांधी नहर की 496 आरडी पर बना लिंक चैनल नहर के तल से 10 फीट ऊंचा है इस कारण वहां पर 19 फीट लेबल का पौंड बनाया जाता है जिस कारण पानी पीछे 150 आरडी तक पानी भराव खाता है और इस कारण इन्दिरा गांधी नहर की पटरी जगह-जगह से धंसती है और पानी का नुकसान राजस्थान के किसानों व भाखड़ा क्षेत्र के किसानों को होता है उनकी फसले जल जाती है और राजस्थान का रूपया भी बर्बाद होता है। अभी पिछले दिनों इसी पौंड की वजह से 2 बार पटरी धंस चुकी है जिस कारण भाखड़ा क्षेत्र को पानी का बहुत नुकसान हुआ है। अगर इस लिंक चैनल के बैड को 6 फीट नीचा कर दिया जाये या दोगुना चैड़ा कर दिया जाये तो नहर में पाँड नहीं बनाना पड़ेगा और इन्दिरा गांधी नहर क्षतिग्रस्त नहीं होगी। पाँड की वजह से नहर में सिल्ट, झाड-झंखाड़ उग रहे हैं पटरी कमजोर हो रही है सेम आ रही है। इन सबसे छुटकारा मिल जायेगा व इन्दिरा गांधी नहर में 12000 क्यूसेक पानी आराम से चलेगा जब तक नहर का नव निर्माण कार्य नहीं हो जाता। इसलिए इसको तुरन्त प्रभाव से नीचा किया जाये इसमें किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं है जबकि लाभ ढेर सारे हैं। भाखड़ा क्षेत्र की करणी सिंह व सादुल ब्रांच के हैंड 1954 के बने हुए हैं। उस समय 1300 क्यूसेक के बने थे आज भाखड़ा का सिस्टम 2217 क्यूसेक का है और इसी हिसाब से नहरें भी पक्की बन चुकी है व वर्तमान में सरहिन्द फीडर का नव निर्माण कार्य चल रहा है तो इसी में हैडों का निर्माण किये जाने में कोई समस्या नहीं है। इसलिए इन हैडों को 2217 क्यूसेक का बनाया जावे। इससे भाखड़ा क्षेत्र के किसानों को बरसात के समय में अतिरिक्त पानी का लाभ मिलेगा। भाखड़ा डैम में राजस्थान का हिस्सा 15.22 प्रतिशत है उसके हिसाब से करणी सिंह व सादुल ब्रांच का पानी का हिस्सा डैम में 9 प्रतिशत बनता है। प्रणालियों को उनका 9 प्रतिशत हिस्सा दिया जाये क्योंकि पिछले 50 वर्षों से करणी सिंह व सादुल ब्रांच को 6 प्रतिशत हिस्सा ही दिया जा रहा है जो कि इस क्षेत्र के लिए सरासर अन्याय है पिछले 50 वर्षों से इस प्रणाली की नहरें बरसात के समय होते भी 16 दिन लगातर कभी भी नहीं चली है। भाखड़ा क्षेत्र के किसानों के हालात भूखे मरने की आ चुकी है क्षेत्र का किसान कर्ज से परेशान होकर हनुमानगढ़ जिला कलक्टर परिसर में भी फांसी ले चुके हैं। अतः 9 प्रतिशत के हिसाब से 1712 ़ 200 क्यूसेक रावी-व्यास का कुल 1912 क्यूसेक पानी करणी सिंह और सादुल ब्रांच में तुरन्त प्रभाव से चलाया जाये। सादुल ब्रांच व करणी सिंह ब्रांच को पहले पुरानी भाखड़ा मैन कैनाल से पानी मिलता था बाद में इनका पानी सरहिन्द फीडर से देना शुरू कर दिया परन्तु पुरानी भाखड़ा नहर को बन्द नहीं किया गया। इस कारण इन ब्रांचों का पानी हरियाणा में वापिस लगभग 100 से 500 क्यूसेक तक जाता रहता है इन हैडों पर हरियाणा क्षेत्र के नाजायज रूप से नहरें राजस्थान के पानी से चल रही है जो कि साल के 365 दिन चैबिसों घण्टे राजस्थान के पानी से चलती रहती है। इन्हें भी बन्द करवाया जाये। सरहिन्द फीडर के पंजाब सरकार ने हर पुल पर 20 से 30 एचपी की दर्जनों पानी की मोटर व पम्प नाजायज लगा रखे हैं समझौते के अनुसार 5 एचपी की एक मोटर लगायी जानी चाहिए थी जो कि राजस्थान की सरकार से समझौते का खुला उल्लंघन है। इस समझौते की पालना करवायी जावे। नाजायज मोटरों को हटवाया जावे। भाखड़ा प्रणाली में 2 ग्रुप बनाये गये हैं। इन ग्रुप सिस्टम को हटाकर गोल बारी सिस्टम लागू किया जाये। पहले गोल बारी सिस्टम होता था और तथाकथित किसान नेताओं के दबाव में आकर ग्रुप सिस्टम बनाया गया इससे क्षेत्र के किसानों को बहुत भारी नुकसान हो रहा है। अभी पिछले दिनों प्रथम वरियता की नहरें 3 दिन पीट गयी और किसानों को पानी नहीं मिला। अब इन किसानों को ग्रुप सिस्टम के हिसाब से 32 दिन बाद पानी मिलेगा और इन किसानों की 6 महिने की फसल बर्बाद हो गयी और उनके भूखे मरने की नौबत आ गयी। अगर गोल बारी सिस्टम लागू होता तो इन किसानों को 8 दिन बाद पानी मिल जाता और इनकी फसले बच जाती। किसानों ने ज्ञापन देकर मांग की है कि उक्त समस्याओं का तुरन्त प्रभाव से निराकरण किया जाये, अगर इन समस्याओं का समय रहते निराकरण नहीं किया गया तो मजबूरन हमें मुख्य अभियन्ता व जिला कलक्टर कार्यालय हनुमानगढ़ के आगे महापड़ाव डालना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेवारी सिंचाई विभाग व प्रशासन की होगी। चीफ को ज्ञापन देने के बाद किसानों की हुई बैठक में रायसिंह बंन्सरीवाला ने प्रस्ताव रखा कि एक कमेटी बनाकर गांव गांव जाकर भाखङा के किसानों को उनके हकों के लिये जागरूक किया जाये। इस मौके पर राजेन्द्र ज्याणी, यादविन्द्र बनवाला, कृष्ण फैगोङीया नत्थूलाल सींवर ढाबां, राधेश्याम गोदारा, गुरदीप सिंह, हरदीप सिंह, रायसिंह बंन्सरीवाला, जगमीत सिंह, सेवक सिंह, जगतार सिंह, गुरसेवक सिंह, दर्शन सिंह, मनप्रीत सिंह, हरजिन्द्र सिंह, प्रेम कुमार, सुनील कुमार, कृष्ण कुमार व अन्य किसान मौजूद थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here