बीकानेर। राजस्थानी के प्रख्यात उपन्यासकार भरत ओला को चतुर्थ श्री चुन्नीलालजी सोमानी राजस्थानी कथा पुरस्कार-2023 दिए जाने की घोषणा की गई है। पर्यावरणविद् एवं पुरस्कार समिति के वरिष्ठ सदस्य ताराचंद इन्दौरिया ने यह घोषणा करते हुए बताया कि शीघ्र ही एक भव्य समारोह में भरत ओला को 31 हजार रुपये की नकद राशि, सम्मान पत्र तथा शॉल आदि के साथ यह पुरस्कार समर्पित किया जाएगा। पुरस्कार समिति के संयोजक डॉ चेतन स्वामी ने बताया कि इस वर्ष इस पुरस्कार हेतु विगत दस वर्षों में प्रकाशित उपन्यास आमंत्रित किए गए थे। तीन वरिष्ठ साहित्यकार श्री श्याम महर्षि, डॉ मदन सैनी तथा मालचंद तिवाड़ी ने आमंत्रित कृतियों का मूल्यांकन कर ओला की कृति नॉट रिचेबल का इस पुरस्कार के लिए चयन किया है। पुरस्कार प्रायोजक उद्योगपति लक्ष्मीनारायण सोमानी ने बताया कि उनका ट्रस्ट इनलैंड सोमानी फांऊडेशन राजस्थानी भाषा, साहित्य, संस्कृति के उत्थान हेतु सदैव प्रतिबद्ध है।गौरतलब है कि भरत ओला राजस्थानी के प्रसिद्ध रचनाकार हैं। 6 अगस्त 1963 को गांव- भिरानी (भादरा) में जन्मे भरत ओला के राजस्थानी में चार कथा संग्रह तथा चार ही उपन्यास प्रकाशित हैं। उनका पुरस्कृत उपन्यास नॉट-रिचेबल उन माता-पिताओं के दारुण हालात बयान करता है, जिनके बेटे विदेश चले जाते हैं और वे वहीं के होकर रह जाते हैं। भरत ओला हथाई नामक प्रसिद्ध कथा पत्रिका के संपादक भी हैं। साहित्य अकादेमी, दिल्ली के मुख्य अवार्ड सहित उन्हें बीस से अधिक पुरस्कार विभिन्न कृतियों पर प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता के लिए लम्बा संघर्ष किया है। वर्तमान में आप राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर के उपाध्यक्ष पद पर आसीन हैं। उल्लेखनीय है कि श्री चुन्नीलाल सोमानी कथा पुरस्कार पूर्व में कथाकार ओमप्रकाश भाटिया, सत्यदीप तथा शंकरसिंह राजपुरोहित को प्रदान किया जा चुका है।