चूरू। पशु चिकित्सकों की एनपीए संघर्ष समिति की ओर से चल रहे आंदोलन के क्रम में बुधवार को जिला संयुक्त निदेशक कार्यालय में जिले के पशु चिकत्सकों ने एनपीए की मांग के समर्थन में आमरण अनशन शुरू किया गया। जिसमें सबसे पहले डॉ.हुनताराम मीणा आमरण अनशन पर बैठे।
एनपीए संघर्ष कमेटी के जिला संयोजक डॉ.सुनील मेहरा ने बताया कि सरकार ने चिकित्सकों की दो दशक पुरानी एनपीए की जायज मांग नहीं मानी तो लगातार आमरण अनशन कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा तथा पशुपालन और गोपालन विभाग के समस्त कार्यों का बहिष्कार जारी रहेगा।
पशु चिकित्सकों के इस आंदोलन से जिले में भी समस्त पशु चिकित्सालयों में पशुपालकों को पशु चिकत्सक के अभाव में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पशु चिकत्सकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से जिले में कोई भी पशु का कामधेनु पशु बीमा योजना में बीमित नहीं हुआ, एक भी लेबोरेट्री जांच, सोनोग्राफी और सर्जरी नहीं हुई। जबकि किसी भी मृत पशु का पोस्टमार्टम नहीं किया गया और ना ही किसी पशु का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है जिससे पशुपालक चिन्तित हैं। दूसरी ओर बीमार पशु भी मरने की कगार पर पहुंच गए है। पशुपालकों को डोर स्टेप पर विभाग की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पशु चिकित्सा, कृत्रिम गर्भाधान और टीकाकरण की व्यवस्था चरमरा गई है।
पशु चिकित्सकों के आन्दोलन को आप पार्टी के नेता डॉ धनपत सिंह चौधरी ने मंच पर पहुंच कर समर्थन दिया।
धरना प्रदर्शन में जिला अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार शर्मा, डॉ सी पी सिंह, डॉ गिरधारी कस्वां, डॉ श्रवण स्वामी, डॉ अजमेर कुहाड़, डॉ राजपाल बेनीवाल, डॉ हीरालाल सोनी, डॉ के के सोनी, डॉ मोहरसिंह मीणा, डॉ ओमप्रकाश आर्य, डॉ रवि पूनिया, डॉ विश्वजीत सिंह राठौड़, डॉ पूनम,डा चेतना, डॉ नीतू, डॉ प्रदीप सोनी, डॉ जयप्रकाश खीचड़, डॉ मुकेश मौर्य, डॉ सुखवीर व डॉ मनोज सहारण सहित जिले के सभी पशु चिकत्सक शामिल हो गए हैं।
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