राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर की गतिविधियां शुरू करने की मांग
सुजानगढ़। राजस्थान सरकार द्वारा मनोनीत राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सदस्य डॉ घनश्याम नाथ कच्छावा ने अकादमी अध्यक्ष शिवराज छंगाणी को पत्र लिखकर अकादमी की गतिविधियों को शुरू करने की मांग की हैं। पत्र में डाॅ.कच्छावा ने लम्बे समय से बंद पड़ी अकादमी को पुन: गठित करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताते हुए यह दुख प्रकट किया कि राज्य सरकार ने इस अकादमी का गठन इस वर्ष बाइस अगस्त को किया और तब से लेकर अब तक केवल बारह सितम्बर को एक बैठक को बुलाई गई उसके बाद कोई गतिविधि नहीं की जा रही। पत्र में अध्यक्ष को लिखा कि अन्य अकादमियों की तुलना में यह अकादमी अभी सबसे पीछे हैं। जबकि राज्य सरकार द्वारा अकादमी के मनोनीत सभी सदस्य बेहद सक्रिय और इस अकादमी के माध्यम से मायड़ भाषा राजस्थानी व इसके साहित्य प्रचार प्रसार करने के लिए उत्सुक हैं। अकादमी सदस्य ने लिखा कि अध्यक्ष सभी सदस्यों की ऊर्जा व अनुभव का समुचित उपयोग करें ताकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व राज्य सरकार की मंशानुरूप गतिविधियों को प्रारम्भ किया जा सकें। डॉ घनश्याम नाथ कच्छावा ने पत्र में अध्यक्ष से पांडुलिपि प्रकाशन सहयोग व पुरस्कार की विज्ञप्ति शीघ्र निकालने के अलावा प्रदेश के हर जिले में एक राजस्थानी लेखक सम्मेलन करवाने और हर जिले के एक-एक वरिष्ठ साहित्यकारों पर राजस्थानी साहित्य रा आगीवाण सीरिज से विनिबन्ध प्रकाशित करने की मांग भी की। पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और संस्कृति मंत्री डॉ बी.डी.कल्ला को भी प्रेषित की गई हैं।