जयपुर। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि जयपुर में मसाला और ड्राई फ्रूट की विशिष्ट मंडी बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे जहां राज्य के मसाला उत्पादक किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा, वहीं उपभोक्ता को उचित दरों पर मसाला और ड्राई फ्रूट मिल सकेंगे। यह मंडी मुहाना मंडी प्रांगण में ही अनाज मंडी द्वारा विकसित की जाएगी।
कृषि मंत्री बुधवार को पंत कृषि भवन में कृषि विपणन विभाग द्वारा आयोजित कृषि उपज मंडियों के सचिवों की प्रदेश स्तरीय सेमीनार के समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कृषि उपज मंडी सचिवों को मंडियों में गेट पर सीसीटीवी कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक कांटे और डिस्प्ले बोर्ड लगाने के निर्देश दिए।
कृषि मंत्री बताया कि जिन मंडियों में उद्यमियों को प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए भूखंड आवंटित किए गए थे, लेकिन निर्धारित समयावधि में उन्होंने काम शुरू नहीं किया है, तो उन आवंटियों के भूखंडों को निरस्त किया जाए। उन्होंने कृषि विपणन विभाग के निदेशक को मंडियों की कार्य प्रणाली की जांच के लिए एक टास्क फोर्स गठित करने के निर्देश दिए। यह टास्क फोर्स बिना सूचना दिए मंडियों का निरीक्षण करेगी और उच्चस्तर पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। किसी मंडी की सही रिपोर्ट नहीं होने पर सम्बंधित सचिव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
कृषि मंत्री ने निर्देश दिए कि राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़ी 25 मंडियों में ई ऑक्शन-ई पेमेंट की सुविधाएं अनिवार्य रूप से स्थापित की जाएं। उन्होंने कृषक साथी योजनाओं के लंबित प्रकरणों को जल्द से जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने मंडियों में राजस्थान इंटीग्रेटेड मंडी मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से ही कार्य करने के भी निर्देश दिए। कृषि मंत्री ने निर्देश दिए कि मंडियों में अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक कांटे स्थापित किए जाएं।
मंडी सचिवों द्वारा मंडियों में लगने वाले यूडी टैक्स के सम्बंध में अवगत कराने पर कृषि मंत्री ने नगरीय विकास मंत्री से दूरभाष पर वार्ता कर इस टैक्स से मंडियों को मुक्त करने का अनुरोध किया, जिस पर नगरीय विकास मंत्री द्वारा इस प्रकरण के निस्तारण के सम्बंध में सकारात्मक आश्वासन दिया। उन्होेंने मंडी द्वारा संचालित किसान भवनों के सही रखरखाव के भी निर्देश दिए। बैठक में कृषि विपणन विभाग के निदेशक नन्नूमल पहाड़िया, संयुक्त निदेशक शशि शेखर शर्मा सहित प्रदेश की प्रमुख मंडियों के सचिव उपस्थित थे।