लिंगदोह समिति की सिफारिशों का ना हो उल्लंघन – किरण माहेश्वरी

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किरण माहेश्वरी

 छात्रसंघ चुनाव के लिए उच्च शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश

जयपुर। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि आगामी छात्रसंघ चुनाव लिंगदोह समिति की अनुशंषाओं के आधार पर ही होंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कुलपति और महाविद्यालयों में प्राचार्य यह सुनिश्चित करें कि समिति की सिफारिशों का किसी भी स्तर पर  उल्लंघन ना हो।
श्रीमती माहेश्वरी मंगलवार को छात्रसंघ चुनाव के संदर्भ में कुलपतियों एवं महाविद्यालय के प्राचायोर्ं की गठित कमेटी के अध्यक्ष एवं कुलपति जेपी शर्मा द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर छात्र संगठनों (एबीवीपी, एनएसयूआई, एसएफआई) से विस्तृत चर्चा की। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव  राजहंस उपाध्याय, कॉलेज आयुक्त आशुतोष एटी पेंडणेकर भी उपस्थित रहे।
उच्च शिक्षा मंत्री ने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति जेपी शर्मा एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बैठक के बाद चुनाव के संदर्भ में दिशा-निर्देश जारी किए। इसके अनुसार प्रदेश की सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में छात्रसंघ के चारों पदों जैसे अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, संयुक्त सचिव पर प्रत्यक्ष (सीधे) चुनाव होंगे।
चुनाव लड़ने वाले समस्त उम्मीदवार अपना कैंप ऑफिस विश्वविद्यालय या महाविद्यालय प्रशासन की अनुमति से ही खोल पाएंगे। परिसर के बाहर किसी भी तरह के चुनाव प्रचार की अनुमति नहीं होगी। विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव में और अधिक निष्पक्षता के लिए ईवीएम मशीन उपलब्ध कराने के लिए भी विभाग निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेजेगा।
छात्रसंघ चुनाव शांतिपूर्ण चुनाव सम्पादित करवाने के लिए विश्वविद्यालय या महाविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता एवं चुनाव अधिकारी जिम्मेदार होेंगे। इसके अलावा प्रथम वर्ष के छात्र केवल कक्षा प्रतिनिधि के लिए चुनाव लडेंगे अन्य पदों के लिए नहीं।
निर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालय में अपेक्स छात्र संघ एवं संघटक महाविद्यालयों के अतिरिक्त विश्वविद्यालय के विभिन्न शैक्षणिक विभागों में केवल कक्षा प्रतिनिधि पद के लिए चुनाव होगा तथा विभागों के अध्यक्ष पद या अन्य पदों के लिए चुनाव नहीं होंगे। साथ ही शैक्षणिक विभागों में संबंधित विभागाध्यक्ष द्वारा मेरिट के आधार पर कमेटी का मनोनयन करेंगे।
इसके अलावा समस्त विश्वविद्यालयों में एम.फिल, पीएच.डी. आदि के लिए शोध कर रहे विद्यार्थी केवल शोध प्रतिनिधि के पद का ही चुनाव लड़ सकेंगे और इसी के लिए मतदान भी कर सकेंगे। सभी पदों के लिए चुनाव लडने की अधिकतम आयु 25 वर्ष रहेगी। केवल शोध छात्रों के लिए अधिकतम आयु सीमा 28 वर्ष होगी।
निर्देशों के अनुसार सभी विश्वविद्यालय या महाविद्यालय प्रशासन एवं छात्रसंघ यह सुनिश्चित करेेंगे कि चुनाव तिथि से एक माह की अवधि में अध्यक्ष द्वारा विश्वविद्यालय और महाविद्यालय प्रशासन की सहमति से छात्रसंघ का उद्घाटन का एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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