चूरू नगरपरिषद क्षेत्र में वार्ड परिसीमन पर हाईकोर्ट की रोक : सिविल रिट पिटीशन पर कोर्ट का अंतरिम आदेश

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चूरू। नगरपरिषद क्षेत्र में वार्डों के परिसीमन राजस्थान हाई कोर्ट के द्वारा रोक लगा दी गई है। 23 अप्रैल 2025 को हाई कोर्ट के द्वारा परिसीमन पर रोक लगाने के अंतरिम आदेश जारी किए हैं। चूरू शहर के वार्ड संख्या 50 निवासी घनश्याम अलवारिया और वार्ड संख्या 49 निवासी सीताराम खटीक ने परिसीमन को अव्यावहारिक, भेदभावपूर्ण और अलोकतांत्रिक बताते हुए राजस्थान हाई कोर्ट में सिविल रिट पिटीशन दायर की गई थी। चूरू के सैनिक बस्ती स्थित शहर व देहात कांग्रेस ब्लॉक कार्यालय मंडेलिया हाउस में शहर ब्लॉक अध्यक्ष असलम खोखर, देहात ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष किशोर धांधू की मौजूदगी में कांग्रेस प्रवक्ता सद्दाम हुसैन, कांग्रेस के सीताराम खटीक और घनश्याम अलवरिया ने मीटिंग कर जानकारी दी। कांग्रेस प्रवक्ता सद्दाम हुसैन ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय में सिविल रीट पीटीशन दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्वायत्त शासन विभाग के विशेष सचिव एवं निदेशक, जिला कलक्टर चूरू, नगरपरिषद चूरू प्रशासक को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है और 20 मई 2025 तक परिसीमन पर रोक लगा दी गई है। याचिका में याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि चूरू में प्रस्तावित वार्ड विभाजन 13 फरवरी, 2025 की राज्य सरकार की अधिसूचना का उल्लंघन करता है, जिसमें कहा गया है कि वार्ड की आबादी औसत आबादी से 15% से अधिक भिन्न नहीं होनी चाहिए। उनका दावा है कि 2011 की जनगणना से जनसंख्या के आंकड़े इस सीमा से अधिक विसंगतियां दिखाते हैं। अदालत ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है और चूरू नगर परिषद में वार्ड निर्माण को अंतिम रूप देने पर 20 मई, 2025 तक रोक लगाने का आदेश दिया है।

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