जैविक खेती की ओर अग्रसर, चूरू में रबी किसान गोष्ठी का आयोजन, कम लागत में अधिक उत्पादन का लक्ष्य
चूरू। कृषि उपज मंडी स्थित आत्मा सभागार में सोमवार को कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण द्वारा रबी किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी के माध्यम से किसानों को नई तकनीकों और संसाधनों के बारे में जागरूक किया गया जिससे वे अपने कृषि उत्पादन को बढ़ा सकें और अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
गोष्ठी के दौरान कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. जगदेव सिंह ने उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कम लागत से अधिक उत्पादन प्राप्त करने और अधिकतम बाजार भाव पर बिक्री का लक्ष्य निर्धारित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. जगदेव सिंह ने नवीनतम कृषि तकनीकों के उपयोग पर बल देते हुए बीजोपचार, उर्वरक प्रबंधन और जीवाणु खाद के महत्व को उजागर किया। उन्होंने किसानों को उपलब्ध संसाधनों के तार्किक उपयोग के लिए प्रेरित किया।
परियोजना निदेशक आत्मा, दीपक कपिला ने किसानों को जैविक खेती, जैविक आदान, और रबी फसलों में सिंगल सुपर फास्फेट के उपयोग के महत्व के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि जैविक खेती से न केवल फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। कपिला ने किसानों को सलाह दी कि वे सिंगल सुपर फास्फेट का सही मात्रा में उपयोग करें ताकि फसलों की उत्पादन क्षमता बढ़ सके। कार्यक्रम में कृषि विभाग के अधिकारियों और लगभग 100 किसानों ने भाग लिया, जिन्होंने कृषि तकनीकों और संसाधनों के उपयोग के बारे में जानकारी साझा की। सहायक निदेशक कृषि कुलदीप शर्मा ने विभागीय योजनाओं की जानकारी साझा की, जबकि कृषि अनुसंधान अधिकारी अनुपम महर्षि ने मृदा परीक्षण और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी।इस गोष्ठी में चूरू क्षेत्र के लगभग 100 कृषकों, राजीविका की कृषि सखियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। सहायक कृषि अधिकारी जयसिंह, संजय पाल, कृषि पर्यवेक्षक मोनिका, समेस्ता, नीतू, सरला, राकेश, कर्मवीर, चेतन व मोती सिंह ने भी आयोजकीय भागीदारी निभाई।