जागरूक किसानों के लिए घाटे का सौदा नहीं खेती-बाड़ी: कपिला

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घांघू में विश्वकर्मा खाद-बीज एवं कीटनाशक भंडार का शुभारंभ, आत्मा के परियोजना निदेशक दीपक कपिला एवं एडीपीआर कुमार अजय ने फीता काटकर किया शुभारंभ

चूरू। घांघू के शहीद राजेश कुमार फगेड़िया उच्च माध्यमिक विद्यालय के पास विश्वकर्मा खाद बीज एवं कीटनाशक भंडार का शुभारंभ गुरुवार को आत्मा के परियोजना निदेशक दीपक कपिला एवं एडीपीआर कुमार अजय ने किया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि आत्मा के परियोजना निदेशक दीपक कपिला ने प्रतिष्ठान संचालक को शुभकामनाएं दीं और उपस्थित किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में खेती-बाड़ी के काम में चुनौतियां बहुत हैं लेकिन जागरुक किसानों के लिए आज भी खेती-बाड़ी घाटे का सौदा नहीं है। उन्होंने कहा कि हम अपनी जमीन-जलवायु को समझें और खेती की लागत को यथासंभव कम करते हुए उन्नत खेती की ओर बढें तो बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। हमारे जिले में भी ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिसमें दूसरे क्षेत्रों में अपना सुनहरा कैरियर छोड़कर युवाओं ने खेती-किसानी में खुद को आजमाया है और सफल भी रहे हैं। कपिला ने कहा कि पारंपरिक खेती हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियाद है, उसे संभाले रखते हुए हमें नवाचारी खेती की ओर बढ़ना चाहिए। जरूरत के मुताबिक यंत्रों, उपयुक्त कीटनाशकों व सही गुणवत्ता के खाद-बीज का उपयोग करके हम खेती के काम में आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने प्रतिष्ठान संचालक राजेश जांगिड़ से कहा कि वे व्यवसाय के साथ-साथ अपनी बेहतर समझ से किसानों को जागरुक करें और गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करें। यदि किसान के साथ खाद-बीज के गुणवत्ता में गड़बड़ी कर दी जाएगी तो केवल एक किसान की फसल चौपट नहीं होगी, हमारी पूरी किसान एवं ग्रामीण संस्कृति के साथ एक चोट होगी।एडीपीआर कुमार अजय ने गांव में खेती-किसानी के लिए उपयोगी इस प्रतिष्ठान का स्वागत करते हुए कहा कि इससे यहां के किसानों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी और गांव की खेती-बाड़ी की कल्चर में और इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि कैरियर के लिए कोई भी क्षेत्रा बुरा नहीं है, शर्त यह है कि हम उस क्षेत्रा में पूरी समझ व रूचि के साथ उतरें और फिर कड़ी मेहनत से जुट जाएं। उन्होंने कहा कि किसानी का काम मेहनत का है। आप कितना ही स्मार्ट वर्क करें, खेती के काम में मेहनत तो आपको करनी ही पड़ेगी। उन्होंने कहा कि किसानों की जिजीविषा और संघर्ष के दम पर ही हमारी अर्थव्यवस्था खड़ी है और हमारे उद्योग-धंधे भी इसी पर निर्भर हैं।सामाजिक कार्यकर्ता महावीर नेहरा, ग्राम सेवा सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष परमेश्वर लाल दर्जी, सामाजिक कार्यकर्ता बीरबल नोखवाल ने भी विचार व्यक्त करते हुए प्रतिष्ठान खुलने पर प्रसन्नता जाहिर की। प्रतिष्ठान के संचालक राजेश जांगिड़ ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और यह भरोसा दिलाया कि प्रतिष्ठान की सेवाओं में ग्राहकों को कभी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा। वार्ड पंच बरजी देवी एवं संजना जांगिड़ ने आभार जताया।इस दौरान ग्राम विकास अधिकारी विक्रम गुर्जर, कृषि पर्यवेक्षक कर्मवीर गोदारा, रामप्रताप कस्वां, वरिष्ठ लिपिक सत्यप्रकाश मीणा, बजरंग कपूरिया, मुकनाराम भांभू, चेतनलाल जांगिड़, प्रभुदयाल जांगिड़, मोतीलाल जांगिड़, नेमीचंद जांगिड़, देवकरण जांगिड़, पूर्व बीडीसी सदस्य बरकत खान, अब्दुल हबीब अनवरी, सुरेश दर्जी, लालचंद जांगिड़, मुश्ताक खां, मनीराम मेघवाल, पूर्णाराम फगेड़िया, राजकुमार फगेड़िया, सतपाल तरड़, अजय जांगिड़, राधेश्याम दर्जी, प्यारेलाल फगेड़िया, लिखमाराम प्रजापत, सुरेश कुमार राजगढ़, उदाराम प्रजापत, प्यारेलाल प्रजापत, भंवर लाल जांगिड़, सुनील कुमार जांगिड़, महेंद्र कुमार, पवन कुमार, सुमित्रा, आर्यन, रौनक, चंचल, हिमांशी, मुकेश सिहाग, बुधराम प्रजापत, संतलाल नाई, रामनिवास फगेड़िया, जगदीश दर्जी, जयप्रकाश, रामकरण जांगिड़, प्रवीण कुमार, सतीश धेतरवाल आबूसरिया, विद्याधर प्रजापत सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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