मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए चिकित्सा विभाग अलर्ट

0
196

टीमों ने दिया एंटी लार्वल एक्टिविटीज को अंजाम, पाली शहर के विभिन्न इलाकों में जमा बारिश के पानी में डाली ऑयल्स की बॉले

पाली।बारिश के बाद जिले में मौसमी बीमारियां नहीं फैले इसको लेकर चिकित्सा विभाग सजग व सतर्क है। मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं बचाव के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा जिले भर में एंटी लार्वल एक्टिविटीज कर लोगों को जागरुक किया जा रहा है। टीमें लगातार फील्ड में एंटी लार्वल एक्टिविटीज के साथ नियमित मोनिटरिंग की जा रही है। जिले में हाल ही में हुई बारिश से जगह जगह पर पानी एकत्रित हो चुका है। ऐसे में वहां के आसपास के इलाकों में मौसमी बीमारियां फैलने से इनकार नहीं किया जा सकता। इसी को देखते हुए ज़िला कलेक्टर एलएन मंत्री के निर्देशन में व सीएमएचओ डॉ विकास मारवाल के नेतृत्व में चिकित्सा विभाग ने पाली शहर सहित जिले भर में चिकित्सकीय टीमें बनाई गई है। ये टीमें शुक्रवार को पाली शहर के विभिन्न इलाकों में एंटी लार्वल एक्टिविटीज कर आमजन को राहत देने का प्रयास किया। यही नहीं चिकित्सा विभाग की टीमों ने पाली शहर के बड़ी संख्या में ज्यादा पानी भराव क्षेत्र में ऑयल बॉल्स एक्टिविटी, एमएलओ,घरों के टांको में टेमिफोस, घरों के कुलर, परिंडे खाली करवाए गए। साथ ही बुखार से ग्रसित रोगियों को पैरासिटामोल दी गई। सीएमएचओ डॉ विकास मारवाल ने बताया कि पाली चिकित्सा विभाग की टीम में एपिडेमियोलोजिस्ट डॉ.अंकित माथुर, यूपीएम जितेन्द्र परमार के नेतृत्व में चिकित्सा विभाग की टीमों ने पाली शहर के गठित 132 टीमों ने शुक्रवार को विभिन्न क्षेत्रों में खाली पड़े प्लॉट, भूखंड एवं खेत इत्यादि में वर्षा के एकत्रित हुए जल में मच्छरों के लार्वा को खत्म करने एवं लार्वा के प्रजनन को रोकने के लिए लकड़ी के बुरादे से बनी ऑयल बॉल्स को कपड़े में लपेट कर पुराने ऑयल में भीगोकर पानी में डाली गई। इन टीमों में आशा सहयोगिनी, एएनएम, नर्सिंग ऑफिसर साथ थे। उन्होंने बताया कि यह प्रयोग मच्छरों के प्रजनन एवं लार्वा को नष्ट करने में कारगर साबित होगा। कपड़े में लपेटकर डाली गई बुरादे की बोले धीरे-धीरे तेल को फैलाएगी और एक बोल अपने आस-पास के करीब 15 से 20 फीट एरिया को कवर करेगी, जो की करीब 20 दिन तक प्रभावी रहेगा। यह तेल पानी पर एक परत बना देगा जिससे मच्छरों के लार्वा अंदर नष्ट हो जाएंगे और मच्छरों की ब्रीडिंग भी नहीं हो पाएगी। उन्होंने बताया कि यह प्रयोग शहर सहित जिले भर में ऐसे सभी स्थान पर किया जाएगा, जहां पर पानी एकत्रित है। साथ ही अन्य एकत्र जल स्त्रोतों में गम्बुसिया मछलिया के डालने की कार्यवाही की जाएगी। यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।

यह भी देखिए…

राजस्थान के पूर्व मंत्री का ये रूप आपने देखा क्या ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here