चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने रेलवे स्टेशन से किया रेस्क्यू, बाल कल्याण समिति के समक्ष किया पेश, नंद गृह भेजा
चूरू। दिल्ली से बीकानेर जाने वाली ट्रेन में एक तीन वर्षीय मासूम को चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम द्वारा रेस्क्यू किया गया है। मासूम के पास एक थैली मिली है जिसमें बिस्कुट, चिप्स के पैकेट सहित दो जोडी कपड़े व दो पर्ची भी मिली है जिस पर लिखा है कि जिस भी सज्जन को ये बच्चा मिले कृपया इसे अनाथालय में छोड़े, भगवान आपका भला करेगा। इसके मां व बाप नहीं है, भगवान आपका अच्छा करेगा।चाइल्ड हेल्पलाइन के परियोजना अधिकारी पन्ने सिंह ने बताया कि मामला मंगलवार सुबह साढ़े 4 बजे का दिल्ली-बीकानेर एक्सप्रेस ट्रेन का है। ट्रेन चूरू स्टेशन पर पहुंची तो सहायक उप निरीक्षक राजेश कुमार व सुमंत कुमार को साथ प्लेट फार्म नंबर 1 पर गाड़ी को चेक करने के दौरान साधारण कोच में एक बालक जिसकी उम्र लग भग 3 वर्ष है और गुमसुम हालत में बैठा मिला हैं रेलवे पुलिस प्रभारी ने यात्रियों से पूछ ताछ की तो बताया ये बालक कुछ भी नही बताने में सक्षम नहीं है। उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना दी। चाइल्ड हेल्प लाइन चूरू टीम सुचना मिलने के तुरंत बाद रेलवे पुलिस चौकी पहुंची जहा पर रेलवे पुलिस द्वारा सुपुर्दिगी पत्र के साथ बालक को चाइल्ड हेल्प लाइन को सुपुर्द किया गया और नाबालिक बालक को चाइल्ड हेल्प लाइन ऑफिस लाया गया जहा नाबालिक बालक की काउंसलर वर्षा कंवर द्वारा काउंसलिंग की गई जब बालक अपना नाम अंकित और अपने पापा का नाम मनोज तथा दादाजी का नाम रामस्वरूप बता रहा है इससे ज्यादा कुछ बताने में बालक सक्षम नहीं हैं । वह बिहार का रहने वाला है। उसके पिता चाय की शॉप करते हैं।बच्चे को यह नहीं पता कि उसे कब और कैसे ट्रेन में बैठा दिया गया है। जब बच्चे हेल्पलाइन सेंटर लाया गया तो वह वहां मौजूद कर्मचारियों के साथ खेलने लग गया। उन्होंने बताया कि बच्चा अपने बारे में ज्यादा नहीं बता पा रहा है। उसका मेडिकल करवाकर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया है। जहां से उसे नंद गृह में भेजा गया है।इस करवाही में चाइल्ड हेल्प लाइन टीम के सुपरवाइजर नरपत सिंह, रविन्द्र सिंह, सुभाष कुमार केस वर्कर अमन छापरवाल, निखिल सिंह, रूपेंद्र रिडखाल आदि ने सहयोग किया।