पर्यावरण संतुलन के लिए पौधरोपण का कोई विकल्प नहीं: कुमार अजय

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पर्यावरण प्रेमी हीराराम प्रजापत की ग्यारहवीं पुण्यतिथि पर मोक्षधाम में किया पौधारोपण

चूरू। जिला कलक्टर पुष्पा सत्यानी के निर्देशन में जिलेभर में चल रही पौधरोपण के सघन अभियान के ही क्रम में रविवार को घांघू के पर्यावरण प्रेमी हीराराम प्रजापत की ग्यारहवीं पुण्यतिथि पर घांघू के श्री बैकुंठ मुक्तिधाम में उनके परिजनों की ओर से उनकी स्मृति में नीम, बकाण, शीशम, करंज आदि छायादार पौधे लगाए गए। इस मौके पर श्रमदान कर पूर्व में लगाए पौधों की कटाई-छंटाई आदि कार्य भी किए गए।
पौधरोपण का शुभारंभ सहायक निदेशक (जन संपर्क) कुमार अजय ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में व्यक्ति और विश्व दोनों ही अपने-अपने स्तर पर अनेक चुनौतियों से जूझ रहे हैं। व्यक्ति की प्रकृति से दूरी और विकास के नाम पर प्रकृति का दोहन इसका अहम कारण है। भागदौड़ की जिंदगी में आज न तो व्यक्ति के पास इतना समय रहा गया है कि वह प्रकृति की गोद में बैठे और न ही ऐसा परिवेश रह गया है। प्रकृति के पास आज व्यक्ति और दुनिया के समक्ष मौजूद इन चुनौतियों का समाधान है लेकिन हमें प्रकृति के संदेश को समझना होगा। प्रकृति के दोहन का परिणाम विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के रूप में हमारे सामने आ रहा है लेकिन आज भी हम समझने को तैयार नहीं है। उन्होंने स्व. हीराराम प्रजापत को याद करते हुए उनके साधारण-सरल प्रकृति-प्रेमी व्यक्तित्व की सराहना करते हुए निरंतर पौधरोपण एवं पर्यावरण संरक्षण में जुटे बीरबल नोखवाल और परिजनों की सराहना की और कहा कि पारस्थितिकी और पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगाने का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन के संरक्षण की दिशा में प्रत्येक व्यक्ति को जागरुक होना होगा।पर्यावरण प्रेमी हीराराम प्रजापत के पुत्र बीरबल नोखवाल ने बताया कि श्री बैकुंठ मुक्तिधाम घांघू से शुरू हुआ पौधारोपण का कार्यक्रम संपूर्ण मानसून सत्र में गांव के सार्वजिनक स्थानों पर पौधे लगाकर जारी रखा जाएगा।इस दौरान केशरदेव प्रजापत, मुरारीलाल बाटू, संजय कुमार दर्जी, अभय नेहरा, सुनिल जांगिड़, बनवारी लाल रेवाड़, महेन्द्र कुमार भादू, हीरालाल भादू, अमित कुमार, धर्मेश प्रजापत आदि ने पौधारोपण किया।

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