गुरू पूर्णिमा पर साहित्यिक संगोष्ठी आयोजित

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सुजानगढ़। गुरु-पूर्णिमा के पुनीत अवसर पर रविवार को अखिल भारतीय साहित्य परिषद सुजानगढ़ इकाई के तत्वावधान में साहित्य साधना मंच के सहयोग से बाल-भारती उच्च माध्यमिक विद्यालय लुहार गाड़ा में गुरु-महिमा पर एक साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।बाल-भारती विद्यालय के निदेशक नोपाराम मण्डा ने की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी के मुख्य-अतिथि बृजगोपाल शर्मा ने कहा कि कुम्हार जिस प्रकार एक माटी को आकर देता है ठीक वही स्थिति एक गुरू और शिष्य की होती हैं। मुख्य वक्ता परिषद् की डॉ.साधना जोशी प्रधान ने कहा कि गुरु का हमारे जीवन के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। गुरु एक अनगढ़ पत्थर को तराश कर नगीना बनाता है। इस अवसर पर संस्कृत के प्राध्यापक पूनमचंद सारस्वत, कवि मदनलाल गुर्जर “सरल ” और भंवरलाल गिलाण , जीली की प्रधानाचार्या कमला पारीक विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन रहें। आयोजन में मरुदेश संस्थान के अध्यक्ष एवं प्रख्यात साहित्यकार डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा ने स्वागत भाषण और आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की।विद्यालय की प्रधानाचार्या मैना जानू ने अंत में आभार व्यक्त किया। विद्यालय की छात्राओं द्वारा गुरु महिमा पर साहित्यिक रचनाएं भी प्रस्तुत की। आगन्तुक अतिथियों का स्वागत रचना जांगिड़, मीरां जाखड़, संजय जाखड़ आदि ने किया। आयोजन का सफल संचालन बिन्दिया चौधरी एवं गरिमा भोजक ने किया।

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