चूरू। कपास की फसल में गुलाबी सुंडी कीट के प्रकोप को देखते हुए कृषि विभाग की ओर से एडवायजरी जारी की गई है।
विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ जगदेव सिंह ने बताया कि कपास में गुलाबी सुण्डी कीट के प्रकोप के मद्देनजर चूरू जिले हेतु कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है जिसके दूरभाष नम्बर 01562-250395 पर कॉल करके कृषकों द्वारा गुलाबी सुण्डी कीट की प्रारम्भिक अवस्था पर सूचना विभाग को भिजवाने पर किसानों को परामर्श दिया जाता है। उन्होंने बताया कि किसान गुलाबी सुंडी के प्रकोप से बचने के लिए खण्डीय पैकेज ऑफ प्रेक्टिसेज अनुसार शष्य क्रियाएं अपनाकर बी.टी. कपास की बुवाई करें।
फसल बुवाई पूर्व खेत पर रखी हुई छट्टियों को झाड़कर अधपके टिण्डों को इकट्ठा कर नष्ट करें। गुलाबी सुण्डी में प्रभावित क्षेत्रों से अप्रभावित, नये क्षेत्र में बी.टी. नरमे की लकड़ियों को नहीं ले जाएं।
गुलाबी सुण्डी से प्रभावित फसल अवशेषों को नष्ट करें। फसल चक्र को अपनाएं। एक ही खेत में लगातार कपास की फसल नहीं लें। खेत में व खेत के चारों तरफ उगे खरपतवारों को नष्ट कर दें। बी.टी. कपास की बुवाई निर्धारित समय पर ही करें। कपास की फसल 60 दिन की होने पर एनएसकेई 5 प्रतिशत का छिड़काव करें या निम्बेसिडिन 750 एमएल/लीटर प्रति एकड़ (0.4 है.) का छिड़काव करें। कपास पकाव के 60-120 दिन पश्चात् मिश्रित कीटनाशकों का स्प्रे नहीं करते हुए विभागीय सिफारिश अनुसार ही कीटनाशक का स्प्रे करें। कपास की प्रारम्भिक अवस्था में गुलाबी सुण्डी के प्रभावित भाग को जैसे नीचे गिरे रोजेटेड फूल गुड़ी व टिण्डों को एकत्रि