अकादमी अध्यक्ष सहारण, एडीजे व्यास किया आशु कविता संग्रह ‘भाव-गागर’ का लोकार्पण

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चूरू। नगरश्री में आयोजित कार्यक्रम में राजस्थान साहित्य अकादमी के सहयोग से प्रकाशित चूरू के कवि आशीष गौतम के पहले कविता संग्रह ‘भाव-गागर’ का लोकार्पण राजस्थान साहित्य अकादमी अध्यक्ष दुलाराम सहारण, चूरू जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव डॉ शरद कुमार व्यास तथा सभापति पायल सैनी ने किया।
कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े मुख्य वक्ता भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एवं राजस्थान सरकार में शासन सचिव (वित्त-राजस्व) ने साहित्य एवं पत्राकारिता पर चर्चा करते हुए कहा कि साहित्य को भी सत्यम, शिवम, सुंदरम का आदर्श आत्मसात करना चाहिए। क्योंकि साहित्य समाज के विचारों का दर्पण है। सकता है। कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश पासवान ने कविता संग्रह को अच्छी पहल बताया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव डाॅ शरद कुमार व्यास ने कहा कि बेहतर, खुशहाल और सार्थक जीवन जीने के लिए संवेदनशीलता, रचनात्मकता और सकारात्मकता बेहद जरूरी हैं। उन्होंने चूरू के लोगों की संवेदनशीलता और तहजीब की तारीफ करते हुए कहा कि निस्संदेह यहां की धरती सृजनशील लोगों की धरती है, यहां के लोगों से मिलकर खुशी होती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डाॅ दुलाराम सहारण ने अकादमी की विभिन्न योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि अकादमी की यह कोशिश रही है कि नए से नए लेखक को प्रोत्साहन मिले और वरिष्ठ से वरिष्ठ लेखक को सम्मान मिले। अकादमी के इस कार्यकाल की तरफ देखते हैं तो एक संतुष्टि होती है कि अकादमी बेहतर एवं रचनात्मक लोगों को मंच, अवसर और सम्मान देने की कोशिशों में सफल रही है। उन्होंने कहा कि यह बेहतर चीजों को समझते हुए उन्हें समर्थन देने का समय है।
विशिष्ट अतिथि सभापति पायल सैनी ने कहा कि आज के भागमभाग और धनार्जन के क्रूर समय में यदि कोई व्यक्ति अपने भीतर इस तरह की संवेदनशीलता और सृजनशीलता को बचाए रख पाता है तो यह बहुत अच्छी बात है। साहित्यकार डाॅ घनश्याम नाथ कच्छावा एवं मोहन सोनी ने कविता संग्रह की समीक्षा प्रस्तुत करते हुए विभिन्न रचनाओं में समेटे गए भावों और कला पक्ष पर चर्चा की। कुलदीप शर्मा ने अपने वक्तत्व में अपनी रचना प्रक्रिया पर चर्चा की और कहा कि इस यात्रा में बहुत से लोगों का स्नेह, सहयोग मिला। उन्होंने इस किताब में अपने अनुभवों और सामाजिक यथार्थ को शब्द देने का प्रयास किया है।
संचालन मुकुल भाटी ने किया। शिक्षाविद दामोदर गौतम ने स्वागत उद्बोधन दिया। ललित गौतम ने आभार जताया। इस दौरान रतनगढ़ के विद्याधर शर्मा एवं हरिप्रसाद शर्मा भी मंचस्थ रहे। शिक्षाविद कमल कोठारी, साहित्यकार डाॅ सुरेंद्र सोनी, बनवारी खामोश, बाबूलाल शर्मा, मधु शर्मा, रंजना शर्मा आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। आरंभ में इंदिरा सिंह ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
इस दौरान सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय, एपीआरओ मनीष कुमार, नीलम गौतम, राजेंद्र शर्मा मुसाफिर, विजय कांत शर्मा, रतनगढ़ के श्रीकांत आत्रेय, पार्थ सोनी, छापर के कन्हैयालाल स्वामी, विकास मील, हेमंत सिहाग, दलीप सरावग, नगरश्री के श्याम सुंदर शर्मा, निशा शर्मा, निशा गौड़, अनिल रजनी कुमार, अनूप सैनी बेबाक, जितेंद्र शर्मा, मयंक गौतम, लोकेश, बुधमल सैनी, सज्जन सिंह सैनी, मनीष सरिता कुमार, संदीप जांगिड़, सरिता शर्मा, राजकुमारी सैनी, रितु निरानियां, भगवती शर्मा, सुशीला प्रजापत, विनीता स्वामी, गीता रावत, सुमित श्रीवास्तव, ललित मीना, रामचंद्र गोयल व जसवंत सिंह मेड़तिया सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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