बचपन में बच्चों को मिर्गी रोग से बचाना संभव – डॉ. सुरेका

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चूरू। पिछले 30 वर्षों से प्रतिमाह के पहले मंगलवार को लगने वाला निःशुल्क मिर्गी निदान शिविर आज रतननगर जिला चुरू में सम्पन्न हुआ। त्रिवेणी देवी सुरेका चेरिटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में यह 350वों कैम्प सम्पन्न हुआ। इस कैम्प में 575 मरीजों के इलाज कर पूरे माह की दवाई निःशुल्क वितरित की गई।

कैम्प के मुख्य न्यूरोफिजिशयन डॉ. आर. के. सुरेका ने बताया कि मिर्गी का रोग बच्चों व बडों में ज्यादा पाया जाता है। देखा गया है गाँव में अशिक्षा एवं सुविधाओं की कमी के कारण गर्भवती महिलाएं अपना प्रसव घर में ही अप्रशिक्षित दाईयों द्वारा करा लेती है जिसके कारण बच्चों में जन्म के समय आक्सीजन की कमी हो जाती है जिसके कारण बच्चो को जन्म से ही दौरे पड़ने लगते है। इसी तरीके से गर्भाधारण के दौरान महिलाएं उचित पौष्टिक आहार नही लेती है एवं कुपोषण का शिकार हो जाती है जिसकी वजह से बच्चों में विकार उत्पन्न हो जाता है, जिससे बच्चो में मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं।

अशिक्षा के कारण महिलाएं अपने बच्चों का टीकाकरण भी नहीं करवाती है। जिसके कारण बच्चो में दौरे आ सकते है। मिर्गी से ग्रसित महिलाओं मे ये भी गलत फहमी व्याप्त है कि बच्चों को दूध पिलाने से उनको भी मिर्गी रोग हो सकता है जबकि यह सही नहीं क्योंकि दूध पिलाने से बच्चों में मिर्गी रोग नही होता है।

इस कैम्प में डॉ. रोहित सुरेका, डॉ. रक्षित सुरेका, डॉ. जयसिंह, डॉ. सरीन, डॉ. गौरी, तालू खान आदि ने सहयोग दिया।

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