लम्पी स्किन रोग का खतरा प्रदेश में बढ़ा, पशुपालकों में चिंता का माहौल,राष्ट्रीय पक्षी मोर का नही हो पाया पोस्टमार्टम
हनुमानगढ़। एनपीए की मांग को लेकर जिले के पशु चिकित्सकों ने मंगलवार को भी हड़ताल जारी रखी। पशु चिकित्सकों की हड़ताल के कारण पशुओं का नहीं हो पा रहा है। सोनोग्राफी व रेडियोग्राफी सुविधा ठप हो गई। पोस्टमार्टम भी नहीं हो पा रहे हैं। इसके अलावा पशु बीमा के कार्य भी पूर्णतया बाधित है। जिलाध्यक्ष डॉ. महावीर सहारण ने बताया कि जब तक मांग नहीं मानी जाएगी, तब तक धरना जारी रहेगा। इधर पशु चिकित्सकों की हड़ताल से गोशालाओं के भौतिक सत्यापन व अनुदान का काम अटक गया है। पशुपालन विभाग ने पशु चिकित्सकों को 5 से 25 सितंबर तक गोशालाओं का भौतिक सत्यापन करने के आदेश दिए हैं, लेकिन पशु चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने व गोशालाओं का भौतिक सत्यापन नहीं करने पर संचालकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गौशाला संचालक अनुदान के भुगतान में देरी होने के कारण चिंतित दिखाई दे रहे हैं उनका कहना है कि राज्य सरकार की ओर से पंजीकृत गोशालाओं को पहले से ही अनुदान राशि का भुगतान देर से किया जाता है। इससे संचालकों को हर बार परेशानी होती है। वहीं प्रदेश भर में पशुओं में लंपी डिजीज आने का खतरा है जिस कारण पशु पालक परेशान है। साथ ही राज्य सरकार की 750 करोड़ की कामधेनु पशु बीमा योजना भी अधरझूल में लटक रही है। पशुओं की तमाम आपातकालीन सेवा, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, टीकाकरण, डेथ क्लेम जैसे समस्त कार्यों के पहिए थम गये है और पशुपालक नियमित रूप से परेशान हो रहे है। 181 पोर्टल पर पशुपालकों की शिकायतों की भरमार हो रखी है। उधर झालावाड़ जिले में 18 गौवंश लंपी स्किन रोग से ग्रसित होने पर पूर्ण प्रदेश में लंपी का कहर होने की संभावना प्रबल है। इधर पशु चिकित्सको का धरना नौवे दिन जारी रहा। उन्होने कहा कि हमें पशुपालकों को नियमित रूप से आ रहे समस्याओं के लिए खेद है, परन्तु सरकार द्वारा पशुचिकित्सको की मांगों की अनदेखी के विरोध में मजबूरन आन्दोलन किया जा रहा है।