चूरू। ओबीसी वर्ग के आरक्षण का समुचित लाभ प्रदान करने व उनके हितों की रक्षा करने के सम्बन्ध में जिला ओबीसी वेल्फेयर सोसाईटी के अध्यक्ष रामेष्वर प्रजापति के नेतृत्व में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया कि राजस्थान में बिहार और छतीसगढ़ की तर्ज पर जातिगत जनगणना करवाई जाये ताकि ओबीसी वर्ग की जातियों को जनसंख्या के आधार पर अनुपातिक लाभ मिल सके। ओबीसी वर्ग के आरक्षण को 4 श्रेणियों में विभाजित किया जाये। जिससे अन्य पिछड़े वर्ग की जातियों को लाभ मिल सके।
राजस्थान में ओबीसी की जनसंख्या लगभग 55 से 60 प्रतिशत है। राजस्थान में शेष 30 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी वर्ग को दिया जाये। ओबीसी वर्ग का जाति प्रमाण-पत्र एससी/एसटी की भांति एक बार प्रमाण-पत्र जारी होने के बाद आजीवन मान्य होना चाहिये। यह प्रमाण-पत्र राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार दोनों के लिए मान्य हो। मूल ओबीसी की पिछड़ी जातियों के लिये विद्यार्थियों हेतु जिला मुख्यालय पर छात्रावास कोचिंग सेंटर व प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित कर राज्य सरकार की ओर से संचालित किया जाये। मूल ओबीसी घुमन्तु/अर्धघुमन्तु अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियां जैसे-योगी, जोगी, नाथ, कनफड़ा, कानबेलिया, सपेरा, मदारी, आदि को मूल ओबीसी की अन्य पिछड़ी जातियों में शामिल किया जाये। इन्हें निःशुल्क आवास, घर, प्लॉट व कृषि भूमि आवंटित की जाये। सम्पूर्ण भारत में जातिगत जनगणना प्रारम्भ करवाई जाये। आंकड़ों को सार्वजनिक किया जाये। प्रत्येक जाति को उसकी जनसंख्या के आधार पर अनुपातिक आरक्षण दिया जाये। मण्डल आयोग की शेष समस्त सिफारिशों को लागू किया जाये। रोहीणी आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाये एवं आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाये। इस अवसर पर ज्ञापन देने वालों में डॉ. अशोक शर्मा, चंद्रमोहन तंवर, हरिकिशन जांगिड़, च्यानणमल सैनी, दिनेश गहलोत, रामनिवास सैनी, ओंकारमल सैनी, सांवरमल बालाण, राधेश्याम स्वामी, कन्हैयालाल प्रजापत, संतोष कुमार, भंवरलाल जांगिड़, बैजू राम जांगिड़, भंवरलाल चोयल, रामचंद्र जांगिड़, दुलीचंद सैनी, बजरंग लाल जांगिड़, राकेश सोनी, मदनलाल योगी सहित अनेक लोग उपस्थित थे।