पावन महापरोपकार दिवस पर उमड़ा साध-संगत का जनसैलाब

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पूज्य गुरुजी ने भेजी 17वीं रूहानी चिट्ठी, सुनकर साध-संगत हुई भाव विभोर, मानवता भलाई कार्यों को दी रफ्तार, आत्म सम्मान के मुहिम के तहत जरूरतमंद महिलाओं को दी सिलाई मशीनें, नशा छोड़ने वाले युवाओं को दी पौष्टिक आहार की किटें

तारानगर। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के 33वें गुरुगद्दीनशीनी दिवस के पावन महापरोपकार दिवस का पावन भंडारा शनिवार को एमएसजी डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केन्द्र शाह मस्तान-शाह सतनाम जी धाम, सरसा में भारी तादाद साध-संगत ने हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी ने साध-संगत के लिए रूहानी चिट्ठी भेजी, जो साध-संगत को पढ़कर सुनाई गई। चिट्ठी में पूज्य गुरु जी ने पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज के महापरोपकार का वर्णन करते हुए साध-संगत को एकता में रहने के वचन किए। पावन भंडारे पर मानवता भलाई कार्यों को रफ्तार देते हुए आत्म सम्मान मुहिम के तहत 23 अति जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीनें और सेफ मुहिम के तहत नशे छोड़ने वाले 23 युवाओं को पौष्टिक आहार की किटें दी गई। गौरतलब है कि 23 सितंबर 1990 को पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को पावन गुरुगद्दी की बख्शिश करके अपना रूप बनाया था।

महापरोपकार दिवस के शुभ भंडारे का आगाज सुबह 11 बजे पूज्य गुरु जी को धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा के पवित्र नारे के रूप में बधाई के साथ हुआ। इसके बाद कविराजों ने विभिन्न भक्तिमय भजनों के माध्यम से गुरु महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर खास बात ये रही कि पावन भंडारे की शुरूआत से पहले ही सभी पंडाल साध-संगत से खचाखच भर गए। शाह सतनाम जी मार्ग पर जहां तक नजर दौड़ रही थी साध-संगत का भारी जनसमूह नजर आ रहा था। वहीं एमएसजी डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केन्द्र शाह मस्तान-शाह सतनाम जी धाम की ओर आने वाले शाह सतनाम जी मार्ग, रानियां रोड़, डबवाली रोड़, बरनाला रोड़, हिसार रोड़, बाजेकां रोड, रंगडी रोड सहित सभी रास्तों पर कई-कई किलोमीटर दूर-दूर तक साध-संगत के वाहनों की कतारें नजर आ रही थी। इस अवसर पर बड़ी-बड़ी स्क्रीनों के माध्यम से साध-संगत ने पूज्य गुरु जी के अनमोल वचनों को श्रद्धापूर्वक सुना। वहीं साध संगत को पावन महापरोपकार दिवस से संबंधित एक मनमोहक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई। साध-संगत के आने का सिलसिला भंडारे की समाप्ति तक अनवरत जारी रहा। भंडारे की समाप्ति पर आई हुई भारी तादाद में साध-संगत को हजारों सेवादारों ने कुछ ही मिनटों में लंगर भोजन और प्रसाद खिला दिया गया।

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