लोकगायकी की अलाप, डेरू की थाप पर थिरकते गायक

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गोगामेड़ी में खूब जमा गोगाजी का जागरण

चूरू। स्थानीय वार्ड नम्बर 35 स्थित पीथाराम भगत की गोगामेड़ी में आयोजित रात्रि जागरण खूब जमा। लोकदेव गोगाजी की आराधना में गाए लोकभजनों की अलाप और डेरू की थाप पर जब भजन गायको थिरके तो देखने वाले मंत्र मुग्ध हो गए।

भक्त डूंगरमल यादव की ओर जोत लिए जाने और गणेश वंदना के साथ ही गोगाजी की आराधना में गाए भजन के साथ शुरू हुए जागरण में लोक गायकों ने एक से बढ़कर एक भजन सुनाए। गुरु गोरखनाथ को समर्पित भजन के माध्यम से भक्तों ने उन्हें मेड़ी में बिराजमान होने का आह्वान किया। गायक भंवरलाल, रुकमानंद राणोलिया, सांवरमल गुर्जर, जगदीश देवड़ा, श्रवण कुमार, बनवारीलाल प्रजापत सहित अनेक गायक कलाकारों ने गोगाजी की वीर गाथा को स्वर दिए तो श्रोताओं ने भी झूमते हुए तालियों के साथ संगत की।

ए बाछल माता सुणले मेरी बात.. आज धराऊं धोरा धुंधला गोगाजी, महिला स्यूं रानी सरियल ऊतरी और गोगाजी के जन्म, विवाह और उनके पराक्रम व जौहर से जुड़े भजन गायकों ने लोक वाद्य डेरू पर नृत्य के साथ भजन प्रस्तुत किए तो श्रोताओं ने मंत्र मुग्ध होकर भजन सुने और संगत की।

इससे पूर्व गोगाजी की महाआरती और जोत प्रज्जवलन के दौरान भक्तों ने ढ़ोल व बाटके के धुन पर लोकदेव गोगाजी को रिझाया। जोत प्रज्ज्वलित होने के साथ ही गोगाजी की बधाई होता है कि जयघोष गूंजा तो कईयों ने गोगा सांकळी से सर पर वार करते हुए गोगाजी के प्रति अगाध श्रद्धा प्रकट की।

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