भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने प्रेस वार्ता कर जताया आक्रोश
चूरू। शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित सदभावना मंडप का उद्घाटन समारोह विवादों के घेरे में आ गया है। भारतीय जनता पार्टी के अल्प संख्यक मोर्चा ने नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के निवास पर प्रेसवार्ता कर राजस्थान सरकार तथा जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का कहना है कि जिस सद्भावना मंडप का उद्घाटन कर प्रदेश सरकार वाह वाही लूट रही है उसके निर्माण के लिए केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन विकास योजना के तहत 2 करोड़ 34 का सम्पूर्ण बजट दिया है। लेकिन इस बजट की स्वीकृति सांसद राहुल कस्वां और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के प्रयासो से ही मिली है। उन्होंने कहा कि बजट को आधार मानकर ही सही, कम से कम स्थानीय सांसद और विधायक को तो कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाना चाहिए था। लेकिन शायद सरकार के दबाव में जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने सांसद व विधायक को आमंत्रित नहीं किया है।अपने चहेतो को छोडकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से भी दूरी बनाई गई, ये उचित नहीं है।उन्होंने कहा कि इस तरह चुपके से शिलान्यास व लोकार्पण करना बड़ी ही विचित्र बात है।
भाजपा अल्प संख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष अख्तर खान ने, राज्य अल्पसंख्यक मामलात व वक्फ मंत्री शाले मोहम्मद से सवाल पूछा है कि किसके बुलावे पर आप चुपके से आए और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करते हुए शिलान्यास और लोकार्पण करके चले गए।उन्होंने बताया कि जल्द ही इन विकास कार्यों का केन्द्रिय मंत्री स्मृति ईरानी से समय लेकर दुबारा शिलान्यास व लोकार्पण के कार्य करवायेंगे। उन्होंने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस प्रकार जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज करते हुए आनन फानन में चुपके से आयोजन करवाना आपको महंगा पड़ सकता है। खान ने कांग्रेस के मेनिफेस्टो की याद दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपन मेनिफेस्टो में मदरसों के आधुनिकीकरण, विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म समेत अनेक वादे किए थे लेकिन एक भी पूरा नहीं किया है।वक्फ बोर्ड अध्यक्ष खानू खान बुधवाली के एक बयान का विरोध करते हुए अख्तर खान ने कहा कि शिलापट्ट पर उनका नाम नहीं होने का अगर उन्हें बुरा लगा तो अपनी सरकार से वार्ता करते, सार्वजनिक मंच से अनर्गल बयान देकर वे क्या साबित करना चाहते हैं।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष सत्तार खां चायल ने कहा कि बहुत ही शातिर तरीके से जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने कार्यक्रम से ठीक तीन घंटे पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को दूरभाष पर कार्यक्रम की जानकारी दी। इससे पूर्व किसी भी प्रकार की कोई जानकारी उनके साथ सांझा नहीं की गई थी।जबकि सांसद को तो कार्यक्रम की सूचना तक नहीं दी गई।उन्होंने कहा कि किस उद्देश्य और किसके कहने पर जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने ऐसा किया है ये बडा सवाल है।
पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी असगर अली जोईया ने कहा कि प्रत्येक तीन माह से 15 सूत्री कार्यक्रम की बैठक का आयोजन किया जाता है जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियो सहित अधिकारी उपस्थित रहते हैं लेकिन पिछले चार सालों से ऐसा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अचरज की बात तो ये है कि अल्पसंख्यक मामलात व वक्फ मंत्री भी आये तथा शिलान्यास व लोकार्पण करके चले गए। समुदाय के लोगों में इससे भारी निराशा है।