अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला अधिकारिता तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से हुए समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को किया सम्मानित
चूरू। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला अधिकारिता तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जिला मुख्यालय स्थित आईसीडीएस उपनिदेशक कार्यालय में हुए कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि किसी भी परिवार को आगे बढाने का सबसे सरल उपाय है महिलाओं को शिक्षित करना। परिवार आगे बढेगा तो देश व समाज सशक्त होंगे। उन्होंने कहा कि जिले की साक्षरता में आज भी महिला एवं पुरुष में बड़ा गैप है, इस गैप के समाज को दुष्परिणाम भुगतने होते हैं। यदि परिवार की महिला शिक्षित है तो परिवार में कुपोषण की संभावनाएं पचास फीसदी कम हो जाती हैं। महिलाओं के शिक्षित होने का लोकतांत्रिक व्यवस्था में भरपूर फर्क पड़ा है और अब उनके मत को तरजीह दी जाने लगी है।जिला प्रमुख वंदना आर्य ने कहा कि महिलाओं का शोषण करने वाली रूढ़िवादी परम्पराओं को खत्म करने की जरूरत है। उन्होंने नारी सशक्तीकरण के लिए संविधान निर्माता बी. आर. अंबेडकर और ज्योतिबा फूले का स्मरण करते हुए कहा कि अपनी बालिकाओं को पढाएं और उन्हें आगे बढने के लिए समुचित अवसर दें। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रमोद बंसल ने कहा कि मां, बहन और पत्नी के तौर पर हमारे जीवन में नारी का इतना योगदान है कि हम कभी उसका ऋण नहीं उतार सकते। उन्होंने महिलाओं के कानूनी अधिकारों पर चर्चा करते हुए 12 मार्च को प्रस्तावित लोक अदालत के बारे में बारे में बताया और कहा कि लोक अदालत में दोनों ही पक्षों की जीत होती है और समाज को लोक अदालत भावना की जरूरत है। सभापति पायल सैनी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज महिलाएं पुरुषों से आगे है। महिलाओं के काम का दायरा विस्तृत हुआ है जबकि पुरुष परम्परागत दायरे में ही आज भी काम कर रहे हैं। आज आज मजदूर से लेकर अंतरिक्ष तक महिलाएं अपना योगदान दे रही हैं। हर महिला के पास संघर्ष की अपनी एक कहानी है लेकिन महिलाओं में अपार क्षमता है, वे आत्मविश्वास के साथ आगे बढें और समाज के लिए प्रेरणा बनें।
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी आईएएस अधिकारी धीरज कुमार सिंह ने कहा कि महिलाओं को शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य और आर्थिक आत्मनिर्भरता पर अपना फोकस करना चाहिए।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने कहा कि समाज में स्त्री के लिए बहुत बंदिशें हैं लेकिन आज कानून ने उन्हें बराबरी का अधिकार दिया है। इस अधिकार का उपयोग उन्हें अपनी आत्मनिर्भरता के लिए करना चाहिए।
महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार ने स्वागत उद्बोधन में आयोजकीय रूपरेखा प्रस्तुत की। आईसीडीएस उपनिदेशक डॉ नरेंद्र शेखावत ने आभार जताया। इस दौरान सीडीपीओ सीमा सोनगरा, शकुंतला, रवि आर्य, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय सहित अधिकारीगण मौजूद थे। संचालन ज्योति सोनी और शीतल बत्रा ने किया।
उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए इन्हें किया सम्मानित
कार्यक्रम में इंदिरा महिला शक्ति सम्मान एवं प्रोत्साहन योजना में वनलता सिंह साहवा को प्रथम, शर्मिला देवी भामासी को द्वितीय तथा नीरज कविया अग्रसेन नगर चूरू को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार महिला उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने के लिए सुपरवाइजर मंजू विश्नोई, कृष्णा और पूजा गेट को सम्मानित किया गया। बालिका जागरुकता परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाली दीपिका, शबनम बानो, राधा सैनी, ईशानी डींगवाल, आफरीन, मोनिका, भव्या गोरसिया, अवनी सैनी, सुमन कंवर, कौशल्या, मुस्कान व सामिया को सम्मानित किया गया। श्रेष्ठ मानदेयकर्मी श्रेणी में साथिन सुमित्रा देवी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोष देवी, आंगनबाड़ी सहायिका सुनिता शर्मा तथा आशा सहयोगिनी आसमीन बानू को सम्मानित किया गया। इसी प्रकार पुष्पा देवी, सुमित्रा, भंवरी, गंगा, सरोज, पद्मा चोपड़ा, विजय लक्ष्मी स्वामी, संतोष देवी, अंजू शर्मा, परमेश्वरी देवी, सोहनी देवी, सजना राठौड़, रेशमी, सुनीता, इंदिरा, कृष्णा राजपुरोहित, जीवणी सैनी, राखी बानो, कमला, पूनम योगी, सुशीला देवी, मीरादेवी, लक्ष्मी देवी, सरोज देवी, सुनीता,उषा व अनिता को माता यशोदा पुरस्कार प्रदान किया गया।