वो ख़ुदा ये कायनात ये फिजाएँ रहमतों की उस पर ख़ूब बारिश करती है जिसके कर्मों में समाज सेवा और भावनाओं में सामाजिक सेवा भरी रहती है लोग उन्हें याद करते है
चूरू । लाल मोहम्मद गौरी (ठेकेदार) के निधन से समाज ने एक ऐसा रहनुमा खो दिया है, जिसकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकती है। ठेकेदार को मंगलवार को दिन के 2. 30 बजे उन्हें चूरू की नाई कब्रिस्तान में सुपुर्दे ए खाक किया गया। ठेकेदार लाल मोहम्मद गौरी लगभग मंगलवार सुबह 8.15 बजे चूरू के भरतिया अस्पताल में अंतिम संस ली। उनकी मौत से पूरी तेली कौम सदमे में है । उनके जनाजे में सर्व समाज अजीम शख्सियतों ने शिकत की व उनकी मगफिरत के लिए दुआ की। ।डॉ साजिद चौहान ने बताया की मोहम्मद सलीम गौरी,हाकम अली, रियाजुदीन, जावेद के वालिद निडर, जिंदादिल इंसान , कौम के दर्द को समझने वाले लाल मोहम्मद गौरी तीन बार पार्षद व चूरू तेली कौम के अध्यक्ष रह चुके थे एवं वर्तमान में भी उनके पोता समीउल्लाह वार्ड से पार्षद है। वे हमेशा कांग्रेस पार्टी के सच्चे सिपाही की तरह हमेशा मरते दम तक साफ सुथरी राजनीति करते रहे । लाल मोहम्मद गौरी का जन्म आज से 82 साल पूर्व शारदारशहर के मध्यम वर्गीय परिवार में खेरदीन जी गौरी के घर में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शारदारशहर में हुई थी। ।
अपने समय के मसहूर अध्यापक व दबंग राजनीतिज्ञ खैर दीन जी गौरी के पुत्र लाल मोहम्मद गौरी ने उनकी छात्र छाया में व्यापार व राजीनीति के गुर सीखकर समाज सेवा का जज्बा लिए जिला मुख्यालय चूरू को अपनी कर्म भूमि बनाकर समाज सेवा में लगाकर दिनरात समाज सुधार में लग गए उनके सामने अनके प्रकार की कठिनाई आई लेकिन अपनी सूझबूझ से दुशनमो व कठिनाइयों का सामना करते हुए कौम को एकजुट करने में लगे रहे उन्होंने कौम के दर्द को समझते हुए कौम हित मे कई लोगो से डटकर मुकाबला किया और समाज के हित मे कई लड़ाइयां भी उन्होंने लड़ी । आज समाज उनकी निडरता, हौसले को लेकर गंभीर चर्चा कर रहे है । आज तेली समाज ने एक निडर, निर्भीक समाजसेवी को खो दिया है जिसकी कमी समाज को हमेशा अखरेगी। समाजसेवी लाल मोहम्मद अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए है । इनकी तजियात के लिए सर्व समाज के लोग उनके निजनिवास नई सड़क चूरू पहुंच रहे है ।