नशा एक अभिशाप है, इस बुराई को रोकना जरूरी है – संगीता बेनीवाल

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चूरू। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा है कि नशा एक अभिशाप है, नशा धीरे-धीरे व्यक्ति के जीवन में प्रवेश कर घर, परिवार, समाज को बर्बाद कर देता है, अतः इस बुराई को रोकना जरूरी है।
बेनीवाल बुधवार को राजकीय विधि महाविद्यालय चूरू में राज्य सरकार के कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, जिला प्रशासन एवं महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति की ओर से मनाये जा रहे सद्भावना सप्ताह के तहत ‘‘नशे से बच्चों एवं महिलाओं के जीवन पर प्रभाव व मुक्ति का मार्ग’’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि नशा एक व्यक्ति करता है पर उसके दुष्प्रभाव व दुष्परिणाम पूरे परिवार में बच्चों व महिलाओं पर पड़ता है, इसलिए परिवार में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में नशा फैशन बन गया है, आज नई पीढी की महिलाएं भी नशे से अछूती नहीं है। आज के परिवेश में तनाव व व्यक्ति की महत्वाकांक्षाओं ने और सपनों के पूरे न हो पाने की स्थिति में नशे की लत को बढावा मिला है। व्यक्ति के तनाव और विफलता ने नशे की लत को बढाने में सहयोग दिया है तथा गलत संगत और परिवार की पृष्ठभूमि भी नशे की लत को बढावा देती है।।बेनीवाल ने कहा कि फैशन व आधुनिकता के दिखावे में भी युवा नशे की और आकर्षित हो रहे है, ऎसे में सब का दायित्व बन जाता है कि हम लोगों को नशे के दुष्प्रभाव व दुष्परिणाम के संबंध में जागरूकता फैलाएं। उन्होंने कहा कि हम एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका में हों और देश व समाज के हित में नशे से मुक्ति की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम नशे के प्रति जागरुक रहकर लोगों से तनाव व उपेक्षा के संबंध में बातचीत कर नशे से दूर रहने के महती प्रयास करें।इस अवसर पर आयोग के सदस्य शिवभगवान नागा ने कहा कि देश में 99 प्रतिशत अपराध नशे के कारण होते हैं, नशा एक ऎसी बुराई है जो मन मंदिर में प्रवेश कर व्यक्ति व परिवार को नुकसान प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हम सबकी जिम्मेदारी है कि युवाओं को नशे की प्रवृत्ति से विमुख कर नए समाज का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि घर परिवार में महिलाओं और बच्चों को नशे के दुष्परिणामों का अधिक सामना करना पड़ता है। आयोग द्वारा राज्य में महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण के लिए कारगर प्रयास किये जा रहे है। नागा ने कहा कि किसी भी प्रकार का नशा व्यक्ति को आर्थिक, सामाजिक एवं शारीरिक नुकसान पहुंचाता है, अतः हमें युवाओं को नशा करने से रोकना होगा। जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जयन्ती वर्ष के उपलक्ष में जिले में 9 से 15 अगस्त तक अगस्त क्रांति सप्ताह मनाया गया एवं 20 से 26 अगस्त तक सद्भावना सप्ताह मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को अंगीकार करने की महती जरूरत है।
गांधी-150 के जिला संयोजक दुलाराम सहारण ने कहा कि नशे के बिना भी बहुत अच्छा जीवन जिया जा सकता है, हमें गांधी के जीवन दर्शन को जीवन में आत्मसात कर परिवार, समाज व देश के योगदान में महती भूमिका निभानी चाहिए। गांधी-150 के उपखण्ड संयोजक रियाजत खान ने महिला शक्ति की महता बताते हुए कहा कि महिलाएं अपने घर-परिवार में अपने पारिवारिक सदस्यों को अच्छे संस्कार देकर नशे से दूर रख सकती है। राजकीय विधि महाविद्यालय चूरू के प्राचार्य डॉ एसके सैनी ने आश्वस्त किया कि महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा महात्मा गांधी के आदर्शों की पालना की जायेगी। इस अवसर पर गांधी प्रकोष्ठ अधिकारी उम्मेद गोठवाल, प्रकोष्ठ सहायक दयापाल सिंह पूनिया, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नरेश बारोठिया, जमील चौहान, मुबारक भाटी, विकास मील, बजरंग हर्षवाल, बेगराज खरींटा, नर्सिंग छात्र-छात्रएं एवं महिलाएं उपस्थित थी।

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