करोड़ों दुआएं साथ लेकर 24 अगस्त को टोक्यो पैरालिंपिक के लिए रवाना होंगे दो बार के गोल्ड मेडलिस्ट देवेंद्र झाझड़िया
चूरू। वर्ष 2004 के एथेंस और वर्ष 2016 के रियो पैरा ओलंपिक में जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतने के बाद तीसरे गोल्ड
मेडल के विश्वास के साथ चूरू के स्टार जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझड़िया 24 अगस्त को टोक्यो के लिए रवाना होंगे। जोरदार फॉर्म में चल रहे देवेंद्र झाझड़िया रिकॉर्ड प्रदर्शन के साथ टोक्यो पैरालिंपिक में अपने इवेंट में गोल्ड मेडल के प्रबल दावेदार हैं।टोक्यो पैरालिंपिक को लेकर उत्साहित देवेंद्र ने बताया कि जब 2004 में पहला ओलंपिक खेलने गया था तो मुझे शुभकामनाएं देकर विदा करने वाले बस केवल मेरे पिताजी थे, वर्तमान में स्थिति यह है कि भारत सरकार ने भी विदाई पार्टी रखी है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया में भी खिलाड़ी छाए हुए हैं। आज यह बदलाव देखकर बहुत खुशी है। उन्होंने बताया कि उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा चल रहा है तथा एक बेहतरीन प्रशिक्षण के बाद वे उसी कॉन्फिडेंस से जेवलिन थ्रो के लिए तैयार हैं, जिस कॉन्फिडेंस के साथ उन्होंने एथेंस और रियो में थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था। देवेंद्र के साथ उनके निजी कोच सुनील तंवर भी जाएंगे। देवेंद्र ने बताया, नीरज चोपड़ा के ओलिंपिक स्वर्ण पदक के बाद देश में एथलेटिक्स और खासकर जेवलिन थ्रो को लेकर एक बहुत बड़ा माहौल देश में बना है। संभव है कि आने वाले समय में, क्रिकेट के बैट और गेंद की तरह गलियों में भाला लेकर घूमने वाले बच्चों को हम देख पाएं। आने वाले समय में देश में यह संस्कृति हो तो कोई बड़ी बात नहीं। उन्होंने बताया कि 54 खिलाड़ियों के साथ आज तक का सबसे बड़ा पैरालिंपिक दल जा रहा है। हमें उम्मीद है कि देश का प्रदर्शन शानदार रहेगा और हम 15-20 मेडल जीतेंगे। सबसे सीनियर खिलाड़ी होने के नाते युवा खिलाड़ियों के फोन भी आते हैं कि आपके पास अनुभव है, हमें भी कोई गुर दें तो मैं उनसे एक ही बात कहता हूं कि ओलिंपिक सबसे बड़ा स्पोर्टस का मंच है लेकिन इसका कोई दबाव लेने की जरूरत नहीं है। खुद के ग्राउंड में जिस भाव से परफोरमेंस देते हैं, वैसे ही अपनी परफोरमेंस दें। देवेंद्र ने कहा कि करोड़ों लोगों की दुआएं आज उनके साथ हैं, उनकी बदौलत उन्हें पूरी उम्मीद है कि वे स्वर्ण पदक जीतेंगे।।