अगस्त क्रांति सप्ताह के पांचवें दिन नगर परिषद में जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा की अध्यक्षता में हुई गोष्ठी, स्वच्छता-सेनानियों का किया सम्मान
चूरू। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वें जयंती वर्ष के उपलक्ष में चल रहे अगस्त क्रांति सप्ताह के पांचवें दिन नगर परिषद सभागार में आयोजित ‘हिंद स्वराज : हिंदुस्तान की स्थिति’ विषयक गोष्ठी में देश की स्थितियों के परिप्रेक्ष्य में गांधी दर्शन पर मंथन किया गया। इस दौरान कोरोना काल में बेहतर काम करने वाले 25 स्वच्छता सेनानियों का सम्मान किया गया।जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा की अध्यक्षता में राज्य सरकार, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति एवं जिला प्रशासन की ओर से हुई संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए प्रख्यात साहित्यकार डॉ हेतु भारद्वाज ने कहा कि गांधी के दिमाग में हमेशा अंतिम छोर का व्यक्ति रहा। उनका विचार था कि जब तक उस अभावग्रस्त व्यक्ति का कल्याण नहीं होता है, तब तक स्वराज की कल्पना बेमानी है। उन्होंने कहा कि गांधी ने दलित, स्त्री, अल्पसंख्यक और शोषित तबकों को कांग्रेस से जोड़ा और उसे आमजन की पार्टी बनाया। हिंसा की तरफ अग्रसर होते स्वाधीनता संग्राम को सत्य और अहिंसा जैसे भारतीय मूल्यों से जोड़ा और अहिंसक युद्ध के योद्धा तैयार किए। जहां दूसरे सेनानी आरोपों को नकारते थे, वहीं गांधी ने सच का सहारा लिया और अंग्रेज सत्ता गांधी के सच को सहन नहीं कर पाई। गांधी ने पहले भारतीय जन मानस में अपनी जगह बनाई और फिर जन-जन को आजादी के इस संघर्ष के लिए तैयार किया। वे कभी सत्य से विचलित नहीं हुए, डिगे नहीं। केवल मुकदमा जीतने या अपने लाभ के लिए झूठ बोलना उन्हें स्वीकार नहीं था।
अपने समय से आगे के व्यक्ति थे गांधी
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर सांवर मल वर्मा ने कहा कि गांधी के विचार समय के साथ अधिक प्रासंगिक होते जा रहे हैं, वे अपने समय से बहुत आगे के व्यक्ति थे। गांधी ने निर्धन व्यक्ति को अपनी सोच का केंद्र बिंदू बनाया और हमेशा उसके कल्याण के विषय में चिंतित रहे। उन्होंने बेहतरीन आयोजनों के लिए महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति, चूरू की सराहना करते हुए कहा कि चूरू के युवाओं को बेहतरीन वक्ता सुनने के लिए मिल रहे हैं।
मनुष्य के शोषण का हथियार न बने मशीनें
बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए प्रख्यात साहित्यकार एवं आलोचक राजाराम भादू ने कहा कि अछूतोद्धार गांधी का प्रमुख विमर्श रहा। उस समय जब दुनिया के अधिकांश बड़े लोग पश्चिमी सभ्यता के पक्षधर थे, गांधी ने पूर्व की सभ्यता और भारतीय संस्कृति की बात करते हुए कहा कि पश्चिमी सोच भारतीय सभ्यता के अनुकूल नहीं है। गांधी के दर्शन में गांव केंद्र बिंदू रहे और उन्होंने तमाम कमियों के बावजूद इन्हें पश्चिम से बेहतर बताया। उन्होंने उस यंत्रीकरण का विरोध किया, जहां मशीनें मनुष्य के शोषण का हथियार बन जाती हैं। उन्होंने कहा कि बहुत विकास के बाद भी गांधी का स्वराज आज भी कल्पना है और जिन वर्गों की भागीदारी की बात गांधी ने की, उसमें से अधिसंख्य लोग आज भी विमर्श से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि पंक्ति के अंतिम छोर के व्यक्ति को केंद्र बिंदू मानकर हम एक बेहतर समाज और बेहतर देश की रचना कर सकते हैं।
गांधी ने आचरण से खुद को साबित किया
सभापति पायल सैनी ने कहा कि चूरू में अगस्त क्रांति सप्ताह के आयोजन बड़ी ही शिद्दत के साथ किए जा रहे हैं और गांधी विमर्श को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में काम हो रहा है, यह बड़ी महत्त्वपूर्ण बात है। उन्होंने कहा कि बापू ने समाज के दलित और स्त्री समेत सभी वर्गों के कल्याण को अपने विमर्श में जगह दी और इसके लिए धरातल पर काम किया। गांधी जो कहते थे, वहीं करते थे और जो करते थे, वही कहते थे। उन्होंने अपने आचरण से यह साबित किया कि व्यक्ति अपने जीवन में इंसानियत की किस ऊंचाई को हासिल कर सकता है। उन्होंने स्वच्छता सेनानियों के सम्मान की सराहना करते हुए कहा कि स्वच्छताकर्मी नगर परिषद की रीढ़ हैं और इन्होंने कोरोना के दौरान बेहतरीन प्रबंधन कर शहर के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए काम किया।
शोषण आधारित विकास लाभकारी नहीं
एसडीएम अभिषेक खन्ना ने कहा कि गांधी विमर्श के जरिए हमें यह समझने की जरूरत है कि शोषण के जरिए किया गया विकास संपूर्ण समाज के लिए लाभकारी नहीं हो सकता है। वह केवल कुछ व्यक्तियों या कुछ वर्गो को ही लाभान्वित कर सकता है। गरीब एवं पिछड़े व्यक्ति के कल्याण बिना स्वराज की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।
गांधी-150 समिति के जिला संयोजक दुलाराम सहारण ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें देश में लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए और एक बेहतर लोकतांत्रिक सोच रखनी चाहिए। उन्होंने जिले में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रम की जानकारी दी और सहयोग के लिए अनुरोध किया।
जन-जन तक पहुंचेगा गांधी का संदेश
गांधी-150 के चूरू उपखंड संयोजक रियाजत खान ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि गांधी दर्शन को जन-जन तक पहुंचाए जाने की दिशा में किए जा रहे ये कार्यक्रम सार्थक एवं उपयोगी साबित होंगे, ऎसी उम्मीद की जानी चाहिए।
संचालन गांधी-150 प्रकोष्ठ अधिकारी उम्मेद गोठवाल व साहित्यकार कमल शर्मा ने किया। इस दौरान गांधी-150 के उपखंड सह संयोजक रतन लाल जांगिड़, गांधी-150 प्रकोष्ठ सहायक दयापाल सिंह पूनिया, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय, नगर परिषद कमिश्नर द्वारका प्रसाद, जमील चौहान, नरेंद्र शर्मा, विजय सारस्वत, आबिद मोयल, सलीम मिस्त्री, अब्बास अगवान, गोकुल शर्मा, पार्षद सीताराम खटीक, विनोद खटीक, रामेश्वर नायक, अशोक पवार, बाली बानो, युसुफ खान, अनीश खान आदि मौजूद रहे।