डेल्फिक कांउसिल ऑफ राजस्थान ने किया ‘कथक कथा’ का आयोजन
जयपुर। डेल्फिक कांउसिल ऑफ राजस्थान द्वारा शनिवार को ‘कथक कथा’ नामक वर्चुअल टॉक सेशन का आयोजन किया गया।राजस्थान डेल्फिक काउंसिल की अध्यक्ष और वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि उक्त टॉक सेशन डेल्फिक डायलॉग्स की कड़ी का दूसरा कार्यक्रम था। चर्चा करने के लिए पैनल में देश की जानी-मानी कथक नृत्यांगना एवं गुरु प्रेरणा श्रीमाली, कथक नृत्यांगना मनीषा गुल्यानी तथा शिप्रा शर्मा, आर ए एस शामिल रहीं।
इस दौरान इन्होंने कथक क्या है, कथक के घरानों का मतलब, जयपुर घराने की विशेषता, डेल्फिक कांउसिल ऑफ राजस्थान की कथक के प्रचार-प्रसार में भूमिका, युवाओं की कथक में अभिरुचि विकसित करने में डेल्फिक डायलॉग्स के अभिनव प्रयोग आदि विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की।देश की जानी-मानी कथक नृत्यांगना एवं गुरु प्रेरणा श्रीमाली ने कहा कि राजस्थान में कथन सिर्फ नृत्य बाद में है बल्कि एक जाति पहले है।उन्हौंने कथक को अभिव्यक्ति की बेहतरीन कला बताते हुए कहा कि दुनिया का हर आदमी कथक है। उन्हौंने चूरू के सुजानगढ का जिक्र करते हुए कहा कि कथक के बडे बडे गुरूजन यहां से हुए है, वहां की मरूभूमि ने कथक का पैदा किया है।उन्हौंने कथक के लिए जयपुर घराने को सवश्रेष्ठ बताते हुए कथक की बारिकीयों के बारें में विस्तार से बताया।
कथक नृत्यांगना मनीषा गुल्यानी ने कहा कि आर्ट व कल्चर के साथ समाज को जोडे जाने की बात पर बल देते हुए कहा कि इसके जरिए हम एक बेहतर समाज की स्थापना कर सकेंगें।उन्हौंने कला के विकास में युवाओं को भागीदारी निभाने की अपील करते हुए कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने बच्चों को बचपन से ही क्लासिकल कॉन्सर्ट्स में लेकर जाए।
शिप्रा शर्मा, आर ए एस ने कहा कि आर्ट व कल्चर के विकास के लिए जरूरी है कि देश के युवाओं का कल्चर से जुडाव बहुत जरूरी है।
कार्यक्रम में ऐसे डायलॉग्स के निरंतर आयोजन हेतु डेल्फिक कांउसिल ऑफ राजस्थान की फाउंडर प्रेसीडेंट श्रेया गुहा, आइ.ए.एस. तथा फाउंडर जनरल सेक्रेटरी डॉ. जितेन्द्र सोनी आई.ए.एस का आभार व्यक्त किया गया। श्रीमती गुहा ने बताया कि डेल्फिक डायलॉग्स सीरीज़ में अगला कार्यक्रम ‘राजस्थान की देसी रियासतों का एकीकरण’ पर आगामी शनिवार को ऑनलाइन आयोजित होगा। कार्यक्रम में शिप्रा शर्मा सहित अन्य भी ऑनलाइन शामिल हुए।