अब नहीं फूलेगा चार वर्षीय अनिल का दम, लगा सकेगा दौड़

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चूरू। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रस्त जिले के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। गंभीर बीमारी होने पर जहां एक तरफ सही व समुचित इलाज का संकट परिवार के सामने खड़ा हो जाता है, वहीं गरीब परिवारों के लिए उपचार का भारी खर्च व्यय करना भी कम परेशानी का कारण नहीं होता। आरबीएसके ऎसे बच्चों को नई जिंदगी दे रहा है।
दिल में छेद की बीमारी से जैतसर (सुजानगढ़) ग्रस्त चार वर्षीय अनिल ऎसा ही एक उदाहरण है, जहां आरबीएसके उसके परिवार के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया है। सीएमएचओ डॉ मनोज शर्मा बताते हैं, दिल में छेद होने के कारण थोड़ा सा चलने पर दम फूलने व थकान आने के कारण चार वर्ष का अनिल अपने साथियों से अलग-थलग ही रहता था। सुजानगढ़ के जैतसर के रहने वाले अनिल के दिल के छेद की बीमारी ने मां-बाप के रातों की नींद भी उड़ा दी थी। ऎसे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम ने आंगनबाड़ी केन्द्र पर उसकी जांच की। टीम के डॉ. धर्मेश व दीपिका ने बच्चे की जांच कर उसे चूरू के डीआईसी सेंटर पर भेजा। डीआईसी सेंटर पर मैनेजर विजेन्द्र भाटी ने जांच करवाई तो अनिल के दिल के छेद की बीमारी का खुलासा हुआ। टीम ने अनिल के उपचार के लिये उसे जयपुर में उच्च चिकित्सा संस्थान में रैफर करवाया। जयपुर के मेट्रोमास अस्पताल में अनिल के दिल के छेद का सफल उपचार 10 जून को हो गया। अनिल के उपचार पर पर करीब डेढ़ लाख रुपये का खर्चा आरबीएसके द्वारा किया गया। निःशुल्क उपचार की जानकारी मिलने पर बच्चे के मां-बाप का भी चेहरा खुशी से खिल गया। अनिल के परिजनों का कहना है कि दिल के छेद की बीमारी का महंगा इलाज करवाना उनके लिए मुश्किल होता लेकिन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत अधिकारियों, चिकित्सकों की मेहनत ने इसे हमारे लिए बहुत आसान कर दिया।

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