पाली। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि विशेषज्ञों की और से कोरोना की तीसरी लहर के कारण बच्चों के सर्वाधिक प्रभावित होने का खतरा बताया जा रहा है। ऐसे में समय रहते जिले में बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए आवश्यक इंतजाम समय रहते सुनिश्चित किए जाने चाहिए। आयोग अध्यक्ष श्रीमती बेनीवाल मंगलवार दोपहर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिलाधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण बदलते सामाजिक, प्राकृतिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक परिवेश में बालकों को अनेक प्रकार की सामाजिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण होने वाले अवसाद चिंता, और तनाव के कारण उनको स्वस्थ व खुशहाल जीवन जीने में कठिनाई उत्पन्न हो सकती है, जो उनके सामाजिक व मानसिक विकास में रूकावट पैदा कर सकती है।उन्होने कहा कि कोरोना महामारी के कारण बालकों में तनाव की समस्या और अधिक बढ़ गई है। विद्यालय, पार्क इत्यादि का संचालन नहीं होने तथा कोरोना के खतरे को देखते हुए बच्चों को घर पर ही रहने की सलाह दी जाती है, जिससे बच्चों में तनाव, बैचेनी तथा अन्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याऐं देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि इस दौरान अभिभावकों को बच्चों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। बच्चों को कोरोना के प्रति डराये नहीं, बल्कि उन्हे इससे बचने हेतु रखने वाली सावधानियों के प्रति जागरूक करें व बचाव के उपाय बतायें। साथ ही प्रशासनिक स्तर पर कोरोना के संक्रमण की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं ताकि आगामी दिनों में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो। उन्होंने बच्चों में होने वाले तनाव, बैचेनी, तथा अन्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, सेव द चिल्ड्रन, माइन्ड पाइपर, इंडस एक्शन के संयुक्त तत्वाधान में चल रही चाइल्ड हैल्पलाइन ”उम्मीद“ की जानकारी दी।
श्रीमती बेनीवाल ने जिला कलक्टर अंश दीप तथा अन्य जिलाधिकारियों से पाली जिले में बच्चों को कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों एवं कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों की जानकारी लेकर उन्हें दी गई सहायता तथा उनके पुर्नवास के संबंध में जानकारी ली। जिला अधिकारियों की बैठक में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्वेता चौहान, पीएमओ डाॅ. रज्जाक कुरैशी, डाॅ. तेजपालसिंह चारण, शहर वृताधिकारी निशांत भारद्वाज, जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश राठौड़, सहायक निदेशक समाज कल्याण समेत कई अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। कई विभागों के अधिकारियों ने प्रजेंटेशन के माध्यम से उन्हें विभागीय कार्यो की प्रगति के बारे में जानकारी दी। ।इससे पहले श्रीमती बेनीवाल ने सवेरे रोहट तहसील क्षेत्र के स्थानीय चिकित्सालयों व रोहट थानें का निरीक्षण कर पुलिस बाल कल्याण अधिकारी को बालकों से संबंधित ज्योनाईल जस्टिस एक्ट के तहत अलग से रजिस्टर संधारित करने के निर्देश दिए। यहां से वे जिला मुख्यालय के सबसे बड़े बांगड अस्पताल पहुंची जहां उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी से कोविड़ 19 को लेकर की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने शिशु वार्ड का जायजा लेकर बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए किए गए इंतजामों का निरीक्षण किया। उन्होंने शिशु रोग चिकित्सक तथा अन्य चिकित्सों को बातचीत कर आगामी दिनों में आशंका के अनुरूप फैलने वाले संक्रमण के हालात में चिकित्सकीय संसाधनों की उपलब्धता के संबंध में जानकारी दी। इस मौके पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीताराम शर्मा, इन्दु चौपड़ा, जनप्रतिनिधि महावीरसिंह सुकरलाई, मोहन हटेला, प्रकाश सांखला समेत कई अन्य लोगों ने उन्हें अस्पताल में किए गए इंतजामों तथा सेवा कार्यों की जानकारी दी।।।