डीबी जनरल अस्पताल के पीएमओ डॉ एफएच गौरी ने दी लोगों को नसीहत, जल्दी जांच कराएं और उपचार लें लेकिन अनावश्यक तनाव में नहीं आएं, विल पॉवर बीमारी से उबरने में करेगी मदद
चूरू। जिला मुख्यालय स्थित राजकीय डीबी जनरल अस्पताल के पीएमओ एवं क्षेत्र के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ एफएच गौरी ने आमजन से अपील की है कि किसी भी प्रकार के लक्षण या शंका होने पर तत्काल कोविड-19 जांच कराएं और उपचार लें लेकिन किसी प्रकार के अनावश्यक दबाव में आने की जरूरत नहीं है। रोगी की इच्छा शक्ति अच्छी हो तो उससे इस बीमारी से निजात पाने में मदद मिलती है। डॉ गौरी ने बताया कि यदि हम सब जागरुक रहेंगे तो बहुत जल्दी कोरोना महामारी से मुक्ति पा सकते हैं।

कब कोविड-19 की जांच करानी चाहिए

ऎहतियात है इस बीमारी का तोड़
डॉ गौरी ने कहा कि इस बीमारी का तोड़ ही यही है कि समय पर जांच कराएं, सोशल डिस्टेंसिंग रखें, मास्क का इस्तेमाल करें और बार-बार हाथ धोएं। साबुन का केमिकल इस वायरस के कवच को डिजॉल्व कर वायरस को नष्ट कर देता है। डॉ गौरी ने बताया कि यदि मास्क ठीक से लगाते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग रखते हैं तो इस बार के अधिकतम चांस हैं कि आपको कोरोना नहीं होगा।
भर्ती होने की जरूरत किसको है
उन्होंने कहा कि यदि ऑक्सीजन सेच्युरेशन 90-91 से कम हो या सिटी स्कैन स्कोर 8 से ज्यादा हो और कुछ दिक्कत भी हो, तब चिकित्सकीय परामर्श से व्यक्ति को भर्ती होने की जरूरत रहती है। सिटी स्कैन स्कोर यदि 10 भी है और कोई प्रोब्लम नहीं है तो फिर भर्ती होने की जरूरत नहीं। आरटीपीसीआर इसलिए महत्वपूर्ण कि यदि आप पॉजिटिव हैं तो फिर संपर्क से बचेंगे तो दूसरे लोग संक्रमण से बच पाएंगे। एचआर सीटी स्कैन से बीमारी की गंभीरता का पता चलेगा कि क्या इलाज लेना है और बीमारी का स्तर क्या है। 

चिकित्सकीय परामर्श अत्यंत महत्त्वपूर्ण
डॉ गौरी ने कहा कि कुछ लोग रेमेडिसिविर के लिए दबाव बनाते हैं या पॉजिटिव आते ही बैड और ऑक्सीजन की मांग करते हैं, यह गलत है। रेमेडिसिविर भी शुरुआती समय में ही काम करता है, ज्यादा समय होने पर इसकी कोई उपयोगिता नहीं है। उसके बाद सिमटोमेटिक ट्रीटमेंट और ऑक्सीजन आदि ही कारगर हैं। इन सब के लिए चिकित्सकीय परामर्श सबसे महत्त्वपूर्ण है। कोरोना से बचाव एवं जल्दी उपचार के लिए ठंडे पानी व चिकनाई से परहेज करें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। 

अनावश्यक दबाव में नहीं आएं, इससे नुकसान
डॉ गौरी ने लोगों को हिदायत दी है कि अनावश्यक दबाव व तनाव में नहीं आएं। कुछ लोग पॉजिटिव होते ही मानसिक दबाव में आ जाते हैं, इससे स्वास्थ्य बिगड़ता है। इसी प्रकार कुछ लोग ठीक होने पर भी डिस्चार्ज नहीं होना चाहते, उनका लगता है कि बाद में बैड नहीं मिलेगा, यह नहीं होना चाहिए। किसी भी प्रकार के मनौवैज्ञानिक दबाव में रहने से दिक्कत है। विल पॉवर यदि अच्छी है तो सब अच्छा हो जाएगा, हमें यह मानकर चलना चाहिए।