जयपुर। राज्य में मई के अंत तक पांच हजार हैक्टेयर क्षेत्र के माइनर मिनरल ब्लॉक्स ऑक्शन के लिए तैयार कर दिए जाएंगे वहीं माइंस विभाग की प्रयोगशाला में प्रक्रियाधीन करीब 150 से अधिक केमिकल सेंपल्स की एनालिसिस रिपोर्ट आगामी 15 दिन में तैयार करने को निर्देशित किया गया है ताकि ऑक्शन के लिए नए ब्लॉक तैयार कर इन क्षेत्रों में भी ऑक्शन की कार्यवाही शुरु की जा सके। अतिरिक्त मुख्य सचिवमाइंस एवं पेट्रोलियम डॉ.सुबोध अग्रवाल ने मंगलवार को वीसी के माध्यम से माइंस विभाग के भूविज्ञानियों से संवाद कायम करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि ऑक्शन की पारदर्शी व्यवस्था से खुली प्रतिस्पर्धा और अधिक राजस्व व रोजगार के अवसर बने हैं।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने कोटा संभाग के रामगंजमंडी के नीमाना दूनिया, उदयपुर के गुपरी हरियाव और चित्तोडगढ़ के सतकाड़ा के करीब 300 मिलियन टन लाइमस्टोन भण्डारों की केमिकल एनालिसिस का कार्य 15 दिन में पूरा करने के निर्देश दिए हैं ताकि इन क्षेत्रों में ब्लॉक तैयार कर खनन के लिए ऑक्शन की कार्यवाही आरंभ हो सके। उन्होंने बताया कि करौली जिले में आयरन ओर के 1200 मिलियन टन भण्डार की संभावना है। उन्होंने इनके ऑक्शन के लिए तत्काल आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए।डॉ. अग्रवाल ने विभाग की सेंपल जांच प्रयोगशाला के कार्य को गति देने की आवश्यकता प्रतिपादित की और सेंपल जांच कार्य को तय समय सीमा में निपटाने को कहा। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा एमएमआरडी एक्ट में संशोधन कर 10 ए टू बी को खत्म कर प्रक्रिया को आसान बनाया है। इससे प्रभावित प्रकरणों को चिन्हित कर तत्काल आवश्यक कार्यवाही की जाए ताकि नए ऑक्शन की प्रक्रिया आरंभ होगी और प्रदेश में रोजगार और राजस्व के अवसर बढ़ेंगे।
निदेशक माइसं केबी पण्ड्या ने कहा कि जिलावार और जियोग्राफिकल लोकेशन के अनुसार संभाव्य खनि संपदा का आकलन करने के काम को प्राथमिकता देनी होगी। उन्होने विस्तार से भूविज्ञानियों द्वारा किए जा रहे खोज कार्यों की जानकारी दी।
बैठक में उपसचिव नीतू बारुपाल, अतिरिक्त निदेशकों में प्रदीप अग्रवाल, एनके कोठ्यारी, ओएसडी आलोक जैन, उदयपुर मुख्यालय के अधिकारी और जयपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर, जोधपुर, कोटा, भरतपुर, चित्तोडगढ़, बाड़मेर, बीकानेर, नागौर, जैसलमेर, करौली, राजसमंद आदि के भूविज्ञान अधिकारियों ने हिस्सा लिया।