मुख्यमंत्री ने बताया कि 22 अप्रेल, 2021 को उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि 60 वर्ष एवं 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की तरह ही 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के युवाओं को भी निशुल्क कोविड वैक्सीन लगाई जाए। इसके लिए केन्द्र सरकार वैक्सीन कंपनियों से वैक्सीन खरीद कर राज्यों को वितरित करे, जिससे राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय भार ना पड़े, लेकिन केन्द्र सरकार ने अभी तक इस मांग को स्वीकृति नहीं दी है। श्री गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अपने बजट में वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। इससे राज्यों में स्पष्ट संदेश गया कि वैक्सीनेशन का पूरा खर्च केन्द्र सरकार उठाएगी। इसके कारण राज्यों ने अपने बजट में वैक्सीनेशन के लिए अतिरिक्त प्रावधान नहीं किए, लेकिन अब केन्द्र सरकार ने राज्यों के ऊपर वैक्सीनेशन का जिम्मा छोड़ दिया है। इससे राज्यों को अपने विकास कार्यो और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में कटौती कर वैक्सीनेशन के लिए फंड आवंटित करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र के माध्यम से वैक्सीन कंपनियों द्वारा राज्य और केन्द्र सरकार को एक ही दर 150 रुपये प्रति डोज पर वैक्सीन उपलब्ध करवाने की मांग की है। श्री गहलोत ने लिखा कि वैक्सीन कंपनियों द्वारा केन्द्र सरकार, राज्य सरकार एवं निजी अस्पतालों को अलग-अलग दर पर वैक्सीन उपलब्ध करवाई जा रही है। एक ही वैक्सीन की राज्य और केन्द्र से भिन्न-भिन्न कीमत लिया जाना न्यायोचित नहीं है। इसके लिए केन्द्र सरकार को निजी वैक्सीन कंपनियों से बात कर वैक्सीन की कीमत कम करवानी चाहिए। श्री गहलोत ने कहा कि मीडिया रिपोट्र्स से पता चला है कि वैक्सीन निर्माता कंपनियों द्वारा यूरोपीय संघ के देशों के साथ-साथ ब्रिटेन, ब्राजील, बांग्लादेश, अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका एवं सऊदी अरब आदि को वैक्सीन भारत से कम कीमत पर उपलब्ध करवाई जा रही है। कंपनियों द्वारा देश में वैक्सीन की अधिक कीमत वसूल करना तर्कसंगत भी प्रतीत नहीं होता है, इसलिए वैक्सीन कंपनियों को केन्द्र द्वारा निर्देशित कर वैक्सीन की कीमत कम करवानी चाहिए।