अब ‘नो मास्क-नो मूवमेंट’ पर रहे जोर :- मुख्यमंत्री

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नगरीय निकाय जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों के साथ संवाद

स्व-अनुशासन में रहकर निभाएं जीवन रक्षा का फर्ज

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना की दूसरी घातक लहर पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार ‘नो मास्क-नो एन्ट्री’ से एक कदम आगे बढ़कर पूरी सख्ती के साथ प्रदेश में ‘नो मास्क-नो मूवमेन्ट’ अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा कि संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए यह जरूरी हो गया है कि बिना मास्क के कोई भी घर से बाहर न निकले। उन्होंने कहा कि जीवन रक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान के साथ-साथ कोविड प्रबंधन में नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों, स्वच्छता कर्मियों और इन संस्थाओं के तमाम कार्मिकों की अहम भूमिका है।
श्री गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंस से प्रदेश के नगरीय निकायों के महापौर, उप महापौर, नगर परिषद् सभापति, उप सभापति, नगर पालिका चैयरमेन एवं वाइस चैयरमेन, सीईओ, कमिश्नर, ईओ, स्वच्छता कर्मियों आदि के साथ कोरोना संक्रमण, वैक्सीनेशन तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना पर संवाद कर रहे थे। उन्होंने आह्वान किया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेशवासियों को उपचार की चिंता से मुक्त करने के लिए लाई गई मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अधिक से अधिक लोगों के समय पर रजिस्ट्रेशन करवाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई देशों में मास्क लगाने, सोशल डिस्टेसिंग तथा कोविड प्रोटोकाॅल की सख्ती से पालना के कारण ही वहां संक्रमण रोकने में सफलता मिली। कई अध्ययन भी यह बताते हैं कि संक्रमण से बचाव का सबसे कारगर उपाय मास्क, सोशल डिस्टंेसिंग और वैक्सीन ही हैं। ऐसे में, लोग राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कड़े कदमों की पालना में पूरा सहयोग करें। उन्होंने कहा कि बिना अनुशासन हम संक्रमण की चेन नहीं तोड़ सकते, इसी को ध्यान में रखकर जन अनुशासन पखवाड़े जैसा कदम सरकार ने पूरी गंभीरता के साथ उठाया है। इससे कुछ समय के लिए लोगों को असुविधा हो सकती है, लेकिन जीवन बचाने के लिए हम सभी को स्व अनुशासन में रहकर जीवन रक्षा का फर्ज निभाना होगा।
श्री गहलोत ने कहा कि प्रोटोकाॅल के उल्लंघन पर जुर्माने या शास्ति वसूलना सरकार का उद्देश्य नहीं है। इसके पीछे की भावना लोगों को सख्ती से अनुशासन की पालना के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि जिस घातक गति से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, देशभर में लोगों की मौत हो रही हैं, कई राज्यों में स्थिति बेहद चिंताजनक है। आॅक्सीजन, बैड, वेन्टीलेटर एवं जरूरी दवाओं सहित संसाधन कम पड़ने लगे हैं। ऐसे में, कोविड प्रोटोकाॅल की पालना किए बिना हम इस लड़ाई को नहीं जीत सकते, क्योंकि यह लड़ाई सिर्फ अस्पतालों में नहीं, घर और समाज को साथ लेकर लड़नी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली पीक में देशभर में सर्वाधिक 97 हजार केस एक दिन में आए थे, जबकि दूसरी लहर में अब तक यह आंकड़ा तीन गुना बढ़कर 2 लाख 73 हजार को छू गया है और आगे स्थिति क्या होगी, कोई नहीं बता सकता। उन्होंने कहा कि इस स्थिति का सामना करने के लिए वार्ड एवं पंचायत स्तर तक जनप्रतिनिधियों को प्रशासन के साथ कदम मिलाकर अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करना होगा।
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेशभर में नगरीय निकाय संस्थाओं के माध्यम से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं। सैनिटाइजेशन, इन्दिरा रसोई के माध्यम से जरूरतमंदों एवं कोविड रोगियों के लिए भोजन की व्यवस्था, मास्क वितरण, जागरूकता अभियान तथा उल्लंघन पर कार्यवाही करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। उन्होंने बताया कि  इन्दिरा रसोई योजना के एक्सटेंशन काउण्टर खोलने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने कहा कि जन अनुशासन पखवाड़े में समाज का हर वर्ग पूरी प्रतिबद्धता से अपनी भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि 14 दिन का स्वप्रेरित अनुशासन ही हमें इस महामारी से मुकाबले की ताकत देगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में प्रतिदिन 7 लाख लोगों को वैक्सीनेशन करने की सुविधा उपलब्ध है। हमारा प्रयास है कि वैक्सीन की उपलब्धता के अनुसार अधिक से अधिक लोगों को जल्द से जल्द टीका लगे।
प्रमुख सचिव गृह अभय कुमार ने कहा कि संक्रमण के ग्राफ को नीचे लाने के लिए एन्फोर्समेन्ट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेशभर में 1900 माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाकर होम आइसोलेशन की पालना सुनिश्चित कराई जा रही है। उल्लंघन करने पर 24 घंटे में 55 लोगों को संस्थागत क्वारेंटीन किया गया है।
पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने कहा कि प्रदेशभर में जन अनुशासन पखवाड़ा बेहतर ढंग से लागू किया जा रहा है। कोविड प्रोटोकाॅल के उल्लंघन पर लगातार कार्यवाही की जा रही है।
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि संक्रमित रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण राज्य में आॅक्सीजन की खपत भी तेजी से बढ़ी है। इसकी उपलब्धता के लिए स्थानीय संसाधनों के साथ-साथ केन्द्र सरकार से लगातार संपर्क बनाए हुए है। उन्होंने बताया कि बैड प्रबंधन, आॅक्सीजन की आपूर्ति तथा चैकपोस्टों पर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
शासन सचिव स्वायत्त शासन भवानी सिंह देथा ने बताया कि इन्दिरा रसोई के माध्यम से कोविड रोगियों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवाने की सुविधा शुरू हो गई है। सार्वजनिक स्थानों पर सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करवाया जा रहा है। कोविड से मृत्यु होने पर लावारिस शवों का सम्मानपूर्वक अन्तिम संस्कार करवाया जा रहा है। साथ ही, जागरूकता अभियान को भी और गति दी जा रही है।
आरएचयूएस के कुलपति डाॅ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस अस्पताल के प्राचार्य डाॅ. सुधीर भण्डारी तथा चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. वीरेन्द्र सिंह ने भी जन अनुशासन पखवाड़े, कोविड प्रोटोकाॅल तथा उपचार को लेकर विचार व्यक्त किए।
बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, एडीजी कानून व्यवस्था सौरभ श्रीवास्तव, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, आयुक्त सूचना प्रौद्योगिकी वीरेन्द्र सिंह सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे। कोविड व्यवस्थाओं के लिए लगाए गए नोडल अधिकारी, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक आदि भी वीसी से जुड़े।

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