पुलिस अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा
जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पुलिस अधिकारियों को संगठित अपराध करने वाले गिरोहों के खिलाफ लॉकडाउन के बाद की परिस्थितियों में फिर से विशेष अभियान चलाकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जब माफिया समाप्त होता है तो जनता में शासन के प्रति विश्वास बढ़ता है। इसलिए प्रदेश में सभी प्रकार के माफिया के खिलाफ पुलिस का एक्शन एक बार फिर धरातल पर दिखना चाहिए, जिससे लोगों में प्रशासन और पुलिस के प्रति विश्वास बढ़े।
श्री गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पुलिस अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। करीब पांच घंटे से अधिक समय तक चली इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अपराध नियंत्रण तथा प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गृह विभाग तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भू-माफिया, शराब, बजरी, अवैध खनन तथा रॉयल्टी से जुड़े माफिया नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
पश्चिमी राजस्थान में उद्योगों पर अनुचित दबाव को रोकें
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते कुछ सालों में सोलर एवं विंड एनर्जी, क्रूड ऑयल के एक्सप्लोरेशन तथा रिफाइनरी के कारण पश्चिमी राजस्थान में औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ी हैं। इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है और समृद्धि भी आई है। लेकिन इसके साथ ही वहां उद्योगों को अनुचित रूप से दबाव देकर प्रभावित करने वाले स्थानीय माफिया भी पनपने लगे हैं। इसे समय रहते सख्ती से रोकने की आवश्यकता है ताकि निवेशकों का विश्वास नहीं डिगे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को इसके खिलाफ कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
अन्तर्राज्यीय समन्वय से रोकें प्रदेश में मादक पदार्थों की बिक्री
श्री गहलोत ने प्रदेश में मादक पदार्थों की अवैध बिक्री एवं इनकी तस्करी के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिंथेटिक ड्रग तथा गोलियों के नाम पर नशीले पदार्थों का बढ़ता प्रचलन हम सभी के लिए चिंता का विषय है। कॉलेजों, स्कूलों सहित शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे युवाओं के स्वास्थ्य से हो रहे इस खिलवाड़ को रोकने के लिए पुलिस अन्तरराज्यीय समन्वय के साथ ड्रग माफिया की गतिविधियों पर लगाम लगाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के समय में पुलिस ने जिस संवेदनशीलता एवं मानवीय दृष्टिकोण के साथ निचले स्तर तक काम किया उससे पुलिस और आमजन के बीच नया विश्वास कायम हुआ है। इसे आगे भी बरकरार रखें। श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में अवैध बजरी खनन के कारण कानून व्यवस्था की जो समस्या बनी है, उसके समाधान के लिए मुख्य सचिव तथा खान विभाग के अधिकारी न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर समाधान करवाएं। इससे आम लोगों को राहत मिलेगी और इससे पनप रहा माफिया भी खत्म होगा।
राजस्थान पुलिस के एनालिटिक्स डैश बोर्ड को लॉन्च किया
श्री गहलोत ने इस अवसर पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा तैयार किए गए राजस्थान पुलिस के एनालिटिक्स डैश बोर्ड को भी लॉन्च किया। इस डैश बोर्ड में एक क्लिक पर राज्य, रेंज, जिला, सर्किल एवं थानेवार अपराध से संबंधित विश्लेषणात्मक सूचनाएं उपलब्ध हाेंगी। इससे अपराधों की मॉनीटरिंग में उच्चाधिकारियों को मदद मिलेगी साथ ही जरूरी सूचनाओं के संकलन एवं एकत्रीकरण में लगने वाले समय की भी बचत होगी।
इससे पहले मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि लॉकडाउन के समय पुलिस ने जिस संवेदनशीलता के साथ काम किया, उससे पुलिस की छवि को लेकर आमजन में सकारात्मक संदेश गया है। उन्होंने कहा कि कमजोर वर्गों, महिलाओं एवं बालिकाओं, अनुसूचित जाति एवं जनजाति से संबंधित उत्पीडन के प्रकरणों में पुलिस और अधिक प्रो-एक्टिव रहकर कार्रवाई करे।
पुलिस महानिदेशक डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस को उसकी कार्यप्रणाली तथा दक्षता में सुधार के लिए आवश्यक मानवीय एवं भौतिक संसाधन उपलब्ध कराने में कोई कमी नहीं रखी है। करीब 75 करोड़ रूपए की लागत से 1682 नए वाहन उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे पुलिस का रेस्पोंस टाइम सुधरा है। इसके साथ ही उप निरीक्षक एवं कांस्टेबल के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। इससे विभाग में रिक्त पदों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।
प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने अपने प्रस्तुतीकरण में कोरोना संक्रमण को रोकने के साथ ही ‘नो मास्क-नो एंट्री‘ के संकल्प को साकार करने तथा सड़क सुरक्षा आदि में सोशल पुलिसिंग की भूमिका पर जोर दिया। महानिदेशक अपराध एमएल लाठर ने अपराध नियंत्रण, अति. पुलिस महानिदेशक एटीएस एवं एसओजी अशोक राठौड़ ने साइबर एवं तकनीक आधारित अपराधों, अति. पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था सौरभ श्रीवास्तव ने कानून-व्यवस्था को लेकर चुनौतियां पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिए। जयपुर एवं जोधपुर कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्तों, विभिन्न रेंज आईजी तथा जिला पुलिस अधीक्षकों ने भी अलग-अलग विषयों पर प्रस्तुतीकरण में अपराध नियंत्रण की स्थिति और भविष्य की कार्य योजनाओं की जानकारी दी।