राजीविका स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य करने पर मिला ‘सेमी-फाइनलिस्ट स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट’ अवार्ड, जिले में राजीविका स्वयं सहायता समूह कर रहे अद्भुत कार्य
चूरू। राजीविका महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिला उत्थान एवं महिला सशक्तीकरण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य के लिए चूरू जिला कलक्टर संदेश नायक को प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड दिया गया है। कोरोना वायरस संक्रमण से प्रतियोगिता एवं अवार्ड सेरेमनी प्रभावित होने के कारण आयोजक स्कॉच ग्रुप की ओर से जिला प्रशासन को ऑनलाइन ही ‘सेमी-फाइनलिस्ट स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट’ भेजा गया है।
उल्लेखनीय है कि जिला कलक्टर संदेश नायक के नेतृत्व में जिले में महिला स्वयं सहायता समूहों ने उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की है और राजीविका को एक ब्रांडनेम बनाया है। जिला कलक्ट्रेट में केवल समूह की महिलाओं द्वारा ही संचालित की जा रही कस्तूरबा कैंटीन जहां पूरे देश में चर्चा का विषय बनी है, वहीं कस्तूरबा प्रोडक्ट कॉर्नर, कस्तूरबा ई मित्र, कस्तूरबा नर्सरी, सरदारशहर में संचालित कैंटीन, रतनगढ़ में जैविक खेती, पापड़-बड़ी उद्योग जैसे अनेक कार्यों के जरिए राजीविका महिला स्वयं सहायता समूहों ने अपनी एक अनूठी पहचान स्थापित की है। इन कार्यों से न केवल गांवों की गरीब महिलाओं को रोजगार मिला है, अपितु महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक अनूठा संदेश गया है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महासंकट के समय भी इन महिलाओं ने राशन किट वितरण, मास्क बनाने जैसे कार्यों में सहयोग कर न केवल संकट के इस समय में योद्धा का काम किया, अपितु अपने राजीविका समूहों के लिए अतिरिक्त आय भी अर्जित की। राजीविका के जिला प्रबंधक बजरंग सैनी ने बताया कि राजीविका ने राशन किट तैयार करने का कार्य कर 6 लाख रुपए कमाए, वहीं मास्क बनाने का काम कर तीन लाख रुपए की आय अर्जित की है। सैनी ने बताया कि शीघ्र ही राजीविका की ओर से गुरु गोरखनाथ नमकीन उद्योग भी स्थापित किया जा रहा है, जिसमें राजीविका की महिलाओं द्वारा भुजिया, दाल, चिप्स, कुरकुरे आदि 11 प्रकार के आइटम तैयार कर बेचे जाएंगे। इसके करीब 20 हजार पैकेट प्रतिदिन तैयार करने की तैयारी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि यह नमकीन उद्योग शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में एक तरह से सहयोग होगा, वहीं इससे स्थानीय उत्पाद को बढावा मिलेगा और महिला सशक्तीकरण की दिशा में यह एक मिसाल साबित होगा।
राजीविका के जिला प्रबंधक बजरंग सैनी ने बताया कि जिले में करीब 4000 महिला स्वयं सहायता समूह हैं, जिनमें से अधिकतर बेहतर काम कर रहे हैं। कुछ स्वयं सहायता समूह उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं और जिला कलक्टर संदेश नायक ने ऎसे समूहों को आगे लाने के लिए बेहतरीन पहल की है। इन रोजगारपरक गतिविधियों से महिलाएं अतिरिक्त आय अर्जित कर अपने परिवार का जीवन स्तर बढा रही हैं और पूरे आत्मसम्मान के साथ महिला सशक्तिकरण का संदेश मुखर कर रही हैं। जिला कलक्टर को इन गतिविधियों के लिए मिला अवार्ड समूहों और अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का काम करेगा।