मैनेजमेंट गुरु रघुरामन ने फाइव बास्केट थ्योरी से बताया, कैसे बनाएं जिंदगी को बेहतर और खुशनुमा

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चूरू पुलिस के फेसबुक पेज पर लाइव आए मैनेजमेंट गुरु, छोटी-छोटी कहानियों से समझाया – जिंदगी में ताकत ही सब कुछ नहीं, सदाचार को अपनाएं

चूरू। चूरू पुलिस के फेसबुक पर पर शुक्रवार को लाइव आए मोटिवेशनल स्पीकर, लेखक और मैनेजमेंट गुरु एन. रघुरामन ने अपनी जिंदगी को बेहतर और खुशनुमा बनाने के टिप्स दिए। उन्होंने छोटी-छोटी कहानियों, पौराणिक प्रसंगों, फिल्मों और पीपीटी के जरिए बताया कि जिंदगी में ताकत ही सब कुछ नहीं होता, आपकी सादगी और सदाचार के भी मायने बहुत हैं।
पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम की पहल पर संप्रीति संस्थान एवं फिल्मस्थान के सहयोग से आयोजित इस आॅनलाइन सेशन में एन. रघुरामन ने फाइव बास्केट थ्योरी पर चर्चा करते हुए कहा कि गुडनेस बास्केट आपके भीतर मूल्यों को बढाएगा, आॅपनियन लेस बास्केट से रचनात्मकता में वृद्धि होगी। सिंपलिसिटी बास्केट जीवन की जटिलताएं कम करेगा, एंगर लेस बास्केट से आपके भीतर लीडरशिप आएगी और क्लीन साॅल बास्केट आपके भीतर हैप्पीनेस को बढाएगा। उन्होंने कहा कि किसी को सहयोग करते हुए यश की इच्छा नहीं करें, प्रचार की बजाय मानवता पर फोकस करेंगे तो आपकी छवि ज्यादा बेहतर बनेगी।
उन्होंने कहा कि यदि आप व्यापार में हैं तो केवल तात्कालिक फायदा नहीं देखें, अपने प्रोडक्ट के साथ-साथ कस्टमर को भी सुनें, उसके बारे में भी सोचें। उन्होंने कहा कि सूचनाएं आपके लिए कभी भी उपयोगी ज्ञान बन सकती हैं। उसका उपयोग आप व्यापार, उद्यम में भी कर सकते हैं। व्यापार करते समय केवल रिटर्न पर ही ध्यान नहीं रखें। रिलेशनशिप पर ध्यान दें, जड़ों की ओर लौटें। उन्होंने बताया कि एक फेमस ब्रेड कंपनी थी जिसका नाम टाइगर था लेकिन उस पर जो चित्रा था, वह जिराफ जैसा दिखता था। एक छोटी बच्ची ने लगातार पत्रा-व्यवहार कर उस कंपनी का नाम बदलवा दिया और कंपनी ने इस बात को स्वीकार भी किया कि उस बच्ची से सतत आग्रह के कारण यह हुआ है। आप निरंतर सकारात्मकता के साथ अपनी बात रखते हैं, तो वह सुनी जाती है। किसी भी व्यक्ति या स्थान को लेकर पहले से ही धारणा नहीं बनाएं।
उन्होेंने एक उदाहरण देकर बताया कि एक बच्चे के होंठ इस तरह कट जाते हैं कि वह ऐसे शब्द नहीं बोल पाता, जिनमें दोनों होंठ जुड़ते हों लेकिन बाद में उसने एक ऐसी रचना लिखी, जिसमें उस तरह के शब्दों का बिल्कुल ही प्रयोग न था। तो हम सीख सकते हैं कि खराब परिस्थितियों में भी उसने सृजनात्मकता को बनाए रखा। उन्होंने कहा कि सादगी को लोग लंबे समय तक याद करते हैं। दिखावे की बजाय अपने मूल्यों को बढाने पर ध्यान दें।
मैनेजमेंट गुरु ने रामायण के प्रसंग से बताया कि बाली रावण को हराने मंे राम के लिए ज्यादा कारगर हो सकता था लेकिन उन्होंने बाली का चयन किया। मोरल यह है कि आपका सदाचार और आपकी पाॅजिटिविटी भी कोई मायने रखती है, केवल ताकत के पीछे ही नहीं भागें। किसी भी चीज पर प्रतिक्रिया करने की बजाय उसे और बेहतर ढंग से दुबारा करने पर ध्यान दें। मन की मलिनता को दूर करें। मन सही है तो सब सही है। उन्होंने कहा कि गाॅसिप का जीवन में ज्यादा उपयोग नहीं है, उसकी बजाय अपने काम की बात पर ध्यान दें। उन्होंने बताया कि जीवन में कुछ भी असंभव नहीं होता, जरूरी यह है कि हम खुद पर विश्वास रखें। ताकत अपने भीतर से ही आएगी।
पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने बताया कि शनिवार शाम पांच बजे सूफी संगीत की दुनिया में रूहानी सिस्टर्स के नाम से दुनिया भर में मशहूर जोड़ी की डाॅ नीता पांडे नेगी चूरू वासियों से संवाद करेंगी।

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