लोहिया महाविद्यालय में विवेकानन्द मूर्ति का अनावरण

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चूरू । लोहिया महाविद्यालय आज विवेकानन्द की मूर्ति का अनावरण विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजन्द्र राठौड़ ने किया। इस अवसर पर आयोजित मूर्ति अनावरण समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य दिलीप सिंह ने की। स्वागत भाषण से आरम्भ हुए कार्यक्रम में प्राचार्य ने महाविद्यालय की उपलब्धियों के साथ-साथ कुछ आवश्यकताओं का जिक्र किया और बताया कि महाविद्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि बरसाती पानी को इकट्ठा करने के लिए महाविद्यालय में कुण्ड बनाने की आवश्यकता है, जिससे वर्षभर विद्यार्थियों को पीने के लिए मिट्ठा पानी मिल सके। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि समाज में कुछ लोक ऐसे होते हैं जो अपने जीवन-दर्शन की अमिट छाप छोड़ जाते हैं। स्वामी विवेकानन्द ऐसे ही एक महापुरुष थे, जिनके आदर्शों पर आज के युवा वर्ग को चलना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने वर्तमान समय में समाज में फैली हुई नागरिकता अधिनियम के प्रति भ्रांति को दूर करने के लिए महाविद्यालय जैसे मंचों पर संवाद करने की आवश्यकता पर जोर दिया। जिला प्रमुख हरलाल सहारण ने कहा कि जो आज है वह दिन कल नहीं आएगा, इसलिए विद्यार्थियों को वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य सुन्दर बने। भाजपा जिला अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने विवेकानन्द के जीवन के अनेक प्रेरक प्रसंगों को सुनाते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन का एक लक्ष्य होना चाहिए और वह लक्ष्य जब तक मिल ना जाये तब तक चैन से नहीं बैठना चाहिए। एबीवीपी के प्रान्तीय महामंत्री अर्जुन तिवाड़ी ने जीवन में राष्ट्रीय चरित्र पर बल देते हुए बताया कि जिस देश के लोगों का राष्ट्रीय चरित्र जितना उच्च होगा वह राष्ट्र उतना ही उन्नत और समृद्धशील होगा। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् विवेकानन्द के आदर्शों पर चलने वाला संगठन है। गौरीशंकर मंडावेवाला ने वर्तमान समय में राष्ट्र के सामने आई हुई चुनौतियों का जिक्र करते हुए आह्वान किया कि व्यक्ति से ज्यादा राष्ट्र महत्त्वपूर्ण होता है इसलिए हम चाहे किसी भी विचारधारा से जुड़े हों, हमारा मुख्य लक्ष्य राष्ट्र कल्याण होना चाहिए। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष वंदना मेघवाल ने विचार प्रकट करते हुए स्त्री विमर्श का सहारा लिया और कहा कि हमें एक शपथ लेनी चाहिए कि ना घूंघट करेंगे और ना ही घूंघट करवायेंगे, घूंघट प्रथा तो जड़ से नष्ट करना जरूरी है। इस अवसर पर आगन्तुक अतिथियों को प्राचार्य की ओर से स्मृति चिह्न भेंट किये गये। कार्यक्रम को बसन्त शर्मा, राहुल पारीक, सीताराम लुगरिया, हरिराम चैपड़ा तथा अन्य कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया। अन्त में धन्यवाद हरिश वर्मा ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. सुमेर सिंह स्वामी ने किया।

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