अब सड़कों पर नहीं भटकेंगे निराश्रित सांड और बछड़े

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निराश्रित पशुओं को स्वीकार नहीं करने वाली गौशालाओं की बंद होगी सरकारी सहायता, दो सांडों की लड़ाई में बुजुर्ग के घायल होने से आहत जिला कलक्टर संदेश नायक ने उठाए सख्त कदम, नियमित रूप से खुद कर रहे माॅनीटरिंग

चूरू। (अमित तिवारी) देशभर के शहरों और कस्बों में आमजन के लिए समस्या का कारण बने आवारा सांड, निराश्रित गोवंश से निजात के लिए चूरू कलक्टर संदेश नायक ने एक शानदार पहल की है। जिले में एक विशेष अभियान चलाकर कस्बों और गांवों में सड़कों में भटक रहे इन पशुओं को जिले की गौशालाओं में भेजा जा रहा है। इतना ही नहीं, इन पशुओं को नहीं लेने वाली गौशालाओं के खिलाफ सरकारी सहायता बंद करने के आदेश भी जिला कलक्टर ने जारी किए हैं। निराश्रित पशुओं को गौशाला भेजे जाने का काम इसी गति से चलता रहा तो आने वाले दिनों में जिले में किसी भी सड़क पर यह पशु भटकते दिखाई नहीं देंगे।
चूरू जिला प्रशासन, पशुपालन विभाग, नगर निकाय और गौशालाओं के सहयोग से चल रही इस मुहिम में अब तक 686 निराश्रित पशुओं को गौशालाओं में भेजा जा चुका है। हालांकि सड़क पर भटकने वाले पशुओं का आंकड़ा अभी भी बहुत है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में जिले के लोगों को इस समस्या से निजात मिल जाएगी। जिला कलक्टर संदेश नायक ने बताया जिला मुख्यालय सहित विभिन्न कस्बों में आवारा सांडों आदि के कारण अक्सर आमजन को होने वाली परेशानी और हादसों के समाचार सुनने को मिलते रहते थे, जिससे मन को बड़ी पीड़ा होती थी। 6 नवंबर को सुजानगढ़ में दो सांडों की लड़ाई में एक बुजुर्ग के घायल होने की घटना के दूसरे ही दिन सभी नगर निकाय अधिकारियों एवं विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे अपने शहरों एवं गांवों के निराश्रित पशुओं को नजदीकी गौशाला में पहुंचाएं।

गौशालाओं को किया पाबंद
अभियान के तहत जिला कलक्टर ने गौशालाओं को पाबंद कर कहा है कि पशुओं को लेेने से मना करने पर उन्हें मिलने वाली सरकारी सहायता प्रभावित होगी। गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 के अंतर्गत निराश्रित पशुओं को लेने से प्रथम बार मना करने पर एक महीने के लिए, दुबारा मना करने पर तीन माह के लिए, तीसरी बार मना करने पर आगामी एक वर्ष के लिए सहायता राशि से वंचित कर दिया जाएगा। पशुओं को गौशाला भेजकर उन्हें उसी गौशाला का टैग लगाया जा रहा है तथा रेडियम पेंट से उनके सींग रंगे जा रहे हैं। यदि कोई टैगशुदा गौवंश आवारा स्थिति में पाया जाता है तो गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 के अंतर्गत गौशाला पर कार्रवाई की जाएगी।

शहरों में नगर निकाय व गांवों में ग्राम पंचायत नोडल एजेंसी
निराश्रित पशुओं को गौशाला में भेजे जाने के लिए शहरों में नगर परिषद/ पालिका तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को नोडल एजेंसी बनाया है। नगर पालिकाओं द्वारा इसक ेलिए टेंडर की शुरुआत कर दी गई है। पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डाॅ निरंजन चिरानियां ने बताया कि फिलहाल छोटे बछड़ों को प्राथमिकता से गौशाला भिजवाया जा रहा है तथा उनका बधियाकरण किया जा रहा है। गौशालाओं को प्रेरित किया जा रहा है कि वे इन बछड़ों से बैल तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराएं। जिले में कुछ गौशालाओं द्वारा बैल व बैलगाड़ी उपलब्ध कराई जा रही है। प्रयास है कि भविष्य में इन गौशालाओं के माध्यम से वर्मी कंपोस्ट का भी उत्पादन शुरू हो ताकि जैविक खेती को प्रोत्साहन मिले तथा गौशालाओं की आर्थिक स्थिति अधिक बेहतर हो। जिला कलक्टर की इस पहल से लोगों में काफी खुशी दिखाई दे रही है।

निराश्रित 686 पशु भेजे गए गौशालाओं में
अब तक जिले की विभिन्न कस्बों से 686 पशुओं को 21 गौशालाओं में पहुंचाया गया है। पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डाॅ निरंजन चिरानिया ने बताया कि लाछड़सर की श्रीकृष्ण गोसेवा समिति में 15, परसनेऊ की श्री कृष्ण अक्षय गौशाला में 3, रतनगढ़ की पिंजरापोल गौशाला में 55, लोहा की श्री कृष्ण गोसेवा समिति में 23, सरदारशहर की कामधेनु गोसेवा अकाल सहायता समिति में 8, सरदारशहर की गौशाला समिति में 50, सवाई बड़ी की श्री मुरली मनोहर गौशाला समिति में 5, सालासर की श्री बालाजी गौशाला संस्थान में 44, भासीणा की राम गौ सेवा समिति में 5, गेड़ाप की श्री गोकुल धाम गोसेवा समिति में 53, बडाबर की श्री गोपाल गौशाला में 77, चूरू के गौ सेवा शिविर (आ.वि.मं.)में 46, चूरू की नंदिनी पुत्रा गोसेवा समिति में 23, दूधवाखारा की श्री कृष्ण गौसेवा समिति में 15, झारिया की गौशाला समिति में 13, राजगढ़ की मोक्ष भूमि गौशाला में 15, राजगढ़ की जुबली पिंजरापोल गौशाला में 132, ददरेवा की गोरखनाथ गौशाला में 60, लंबोर बड़ी की श्री मंशा माता गौशाला समिति में 7, तारानगर की श्री गोपाल गौशाला में 5 तथा सिधमुख की शिव गौरक्षक गौशाला समिति में 32 निराश्रित गोवंश को भेजा गया है।

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