योग से खुलते हैं मानव के कल्याण के समस्त मार्ग-लोकायुक्त

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3 दिवसीय जयपुर योग महोत्सव-2018 का शुभारम्भ

जयपुर  । लोकायुक्त न्यायमूर्ति श्री एस.एस. कोठारी ने कहा कि योग को जीवन में उतारने से मनुष्य की दिव्य शक्तियों का जागरण होकर उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास होता है एवं इससे मानव जीवन के कल्याण के समस्त मार्ग खुलते है। श्री कोठारी शनिवार को यहांं भारतीय विधा भवन के महाराणा प्रताप सभागार में अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद् के सहयोग से आयोजित 3 दिवसीय जयपुर योग महोत्सव-2018 का शुभारम्भ करने के पश्चात्त योग, ध्यान, आर्युवेद एवं वैकल्पिक चिकित्सा से जुड़े देश भर से आये प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने उद्बोधन की शुरूआत गायत्री मंत्र से करते हुए कहा कि योगाभ्यास करने वाला व्यक्ति सदा उच्च व दिव्य विचारों से ओजस्वी होकर भीतर से पूर्ण शांत, सहज एवं बाहर से पूर्ण क्रियाशील व पूरूषार्थमय जीवन जीता है । उन्होंने कहा कि भारत की पे्ररणा से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त योग अब एक बहुचर्चित विषय बन चुका है व स्वस्थ व खुशहाल जीवन जीने के लिये अधिक से अधिक लोग अब पूरी दुनियां में योग को जीवन में अपना रहे हैं ।
शांतिकुंज हरिद्वार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा की पे्ररणा से शुरू हुए गायत्री परिवार के समूचे विश्व में शांति, सद्भाव व लोक कल्याण हेतु किये जा रहे भागीरथ प्रयासों की सराहना करते हुए श्री कोठारी ने कहा कि शांतिकुन्ज व्यक्तित्व गढ़ने की एक टकसाल है जो कि जाति,सम्प्रदाय, धर्म, पंथ आदि संकीर्णताओं से उपर उठकर लोगों को जीवन जीने की कला सिखाता है । हर धर्म व वर्ग के लोग शांतिकुन्ज में साधना करते हैं और शरीर,मन व अंतःकरण को स्वस्थ तथा समुन्नत बनाने का मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं । उद्धाटन समारोह के मुख्य वक्ता देव संस्कृति विश्वविधालय, हरिद्वार प्रति-कुलपति डॉ0 चिन्मय पण्डया ने कहा कि पैसा, पद, प्रतिष्ठा,सम्मान केवल सम्पन्नता दिला सकते हैं लेकिन जब तक आंतरिक स्तर समुन्नत नहीं होगा तक व्यक्ति को अंदर से सुकून नहीं मिलता । डॉ0 पण्डया ने कहा कि योग का उद्देश्य दृष्टिकोण का परिवर्तन करना है उन्होंने कहा कि योग भारत की महान सांस्कृतिक धरोहर है जो वह आज विश्व के साथ साझा कर रहा है । यूनेस्को नेयोग को महत्व दिया इससे यूनेस्को का ही सम्मान बढ़ा है । उन्होंने कहा कि अब इस्लामिक और ईसाई देश भी योग के महत्व को स्वीकार चुके हैं । उन्होंने कहा कि देशों में योग सेंटरोें की संख्या लगातार बढ़ रही है ।
केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद् के निदेशक डॉ0 ईश्वर एन0 आचार्य ने कहा कि पूरी दुनियां में योग से 35 प्रतिशत लोग प्रति वर्ष जुड़ रहे हैं ।
डॉ0 आचार्य ने कहा कि योग को जन-जन द्वारा अपनाने परे प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी इसलिए जोर दे रहे हैं क्योंकि योग से हर समस्या का निदान संभव है । मोरारजी देसाई राष्ट््रीय योग संस्थान, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के निदेशक डॉ0 ईश्वर वासवा रेड्डी ने कहा कि योग अध्यात्म का शास्त्र है व योग को जीवन में उतार कर हम कारण, स्थूल व सुक्ष्म शरीर पर कार्य कर अपना उद्वार कर सकते हैं व समूचे विश्व में शांति ला सकते हैं । पद्वमश्री ननमा जो कि 99 वर्ष की अवस्था में योग सिखा रही है ने योग व खान-पान में उनके जीवन में आये बदलाव व जिन्हें उन्होंने योग सिखाया उनके जीवन में आये बदलावों के बारे में अपने अनुभव साझा किये । इस अवसर पर शांतिकुंज से आये विधार्थियों ने योग, आसनों की संगीत के सुरों पर अद्भुत प्रस्तुतियां दी ।
योग महोत्सव में योग, ध्यान, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद एवं वैकल्पिक चिकित्सा से जुड़ी लगभग 12 संस्थाओं के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं । योग महोत्सव के अवसर पर जवाहर कला केन्द्र के शिल्प ग्राम में आहार चिकित्सा से जुड़ी विभिन्न स्टॉल्स लगाई गई हैं । 22 जुलाई को योग महोत्सव के तहत विभिन्न कार्यक्रम सुबह 7 बजे रात्रि 8.30 बजे तक होगें । योग महोत्सव का समापन 23 जुलाई को विधाश्रम स्कूल के सभागार में होगा ।

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