आरबीएसके के तहत जयपुर के फोर्टिज अस्पताल में हुआ इलाज
हनुमानगढ़। बेटे के दिल में छेद के कारण मानसिक परेशानी का दंश झेल रहे अनिल के घर में आखिरकार खुशहाली लौट ही आई। उनके डेढ़ साल के बेटे मुक्षित का सरकारी मदद से जयपुर में ऑपरेशन सम्भव हो पाया। मुक्षित के इलाज में एक से डेढ़ लाख रूपए का खर्च आया, जिसे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत सरकार ने उठाया। इससे पहले भी आरबीएसके कई बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौटा चुका है, जो गरीबी और तंगहाली के कारण महंगे और बड़े मल्टीस्पेशियलिटी अस्पतालों का खर्च नहीं उठा सकते हैं।
सीओ-आईईसी मनीष शर्मा ने बताया कि गोलूवाला में रहने वाले अनिल का पुत्र मुक्षित जन्म के डेढ़-दो माह बाद ही बीमार रहने लगा था। दो-चार दिनों में ही उसकी तबीयत एकदम से खराब हो जाती थी, जिसकी वजह से बेहोशी की हालत में चला जाता था। उसके नाखून नीले हो जाते थे और वह लगातार रोता रहता था। मुक्षित के पिता ने श्रीगंगानगर के गौड़ हॉस्पीटल में ईको टेस्ट करवाया। डॉक्टर ने बताया कि मुक्षित के दिल में छेद है, जिसकी वजह से उसकी तबीयत खराब रहती है। ऐसे में उसे निमोनिया भी हो जाता है। उन्होंने बताया कि उसका किसी अच्छे अस्पताल में ऑपरेशन करवाना पड़ेगा, जिस पर करीब एक से डेढ़ लाख रूपए खर्च आएगा। ऐसे में पीलीबंगा के आयुष डॉक्टरों ने टीम ने आंगनबाड़ी केन्द्र में मुक्षित की स्वास्थ्य जांच की, तो उन्हें मुक्षित के दिल में छेद का पता चला। उन्होंने मुक्षित के पिता से बात की और बताया कि उनके बच्चे का सरकार द्वारा निःशुल्क करवाया जाएगा। परिवारिक हामी मिलने के बाद मुक्षित को जयपुर के फोर्टिज अस्पताल भेजा गया, जहां 22 जून को दिल के छेद का ऑपरेशन किया गया। डॉक्टर ने बताया कि मुक्षित का सफल ऑपरेशन हुआ है। अब वह बाकी बच्चों की तरह खेल पाएगा और तंदरूस्त होगा। मुक्षित के परिजनों ने कहा कि सरकार ने उनके बच्चे का ऑपरेशन करवा कर पूरे परिवार को नया जीवनदान दिया है। मुक्षित के इलाज में डॉ. नवनीत कौर व डॉ. उमेश, फार्मासिस्ट भोजराज व एएनएम ममता ने सेवाएं दी।