अमृता के लिए ’अमृत’ बनी भामाशाह बीमा योजना

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दोनों आंखों से दिखता नहीं था, आॅपरेशन के बाद शुरू की पढ़ाई

प्रतापगढ़। हौसलें बुलंद हो और मन में कुछ करने की इच्छा हो तो रास्ते की सभी अड़चने खुद बा खुद किनारे हो जाती है। सौ आने सच ये बात उस अमृता पर फिट बैठती है, जो गरीबी और गुरबत में जी रही थी। जिसकी दोनों आंखे खराब हो गई थी। लेकिन उसके मन में पढ़ने और आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति और भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना ने उसकी जिंदगी में फिर से उजाला कर दिया। प्रतापगढ़ के ठिकरियां केसरापुरा गांव की 13 वर्षीय अमृता अपने दस भाई बहनों में सबसे छोटी है, वह अठवीं कक्षा में पढ़ रही थी, कि उसकी दोनों आंखों से यकाएक रौशनी गायब हो गई। गरीबी का दंष और महंगा उपचार उसके बस में नहीं था। बकौल अमृता उसे और उसके पिता अर्जुन को कुछ समझ में नहीं आ रहा था, कि वह क्या करें। अर्जुन के मुताबिक वह आंखों की समस्या की वजह से पढ़ नहीं सकती थी, लेकिन उसके आगे पढ़ने और स्कूल जाने की इच्छाशक्ति के आगे वह विवश हो गया और इलाज के लिए प्रतापगढ़ जिला चिकित्सालय लेकर आया। यहां उसने अपनी पीड़ा शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. धीरज सेन को बताई। डाॅ. सेन ने उसको पूरी मदद का भरोसा दिया और भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की मदद से उसकी एक आंख की सफल सर्जरी कर दी गई है। उसे अब एक आंख से स्पष्ट दिखाई देने लगा हैं, वहीं दूसरी आंख के आॅपरेशन के लिए उसे भर्ती किया गया है। पिता अर्जुन के मुताबिक बीमा योजना की वजह से उसकी बच्ची की आंखों की रौशनी दोबारा मिल गई है। वह खुश है। गौरतलब है कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में अधिसूचित सरकारी वह प्राइवेट अस्पतालों मेें 30 हजार से 3 लाख रूपए का इलाज का खर्च पूरी तरह से निशुल्क है।

निजी चिकित्सालय में लाखो रूपए का इलाज फ्रीः
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में अकेले प्रतापगढ़ जिले से उदयपुर के सभांग स्तरीय अस्पतालों में हजारों रोगियों का इलाज निशुल्क किया गया है। इनमें कैंसर से लेकर हार्ट सर्जरी तक की कैशलेस उपचार शामिल है। डाॅ. खराड़ी के मुताबिक कोई भी पात्रा व्यक्ति राज्य के अधिसूचित निजी और सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज निशुल्क करवा सकता है। इसके लिए सरकार ने 30 हजार से लेकर 3 लाख रूपए की निशुल्क उपचार करवाने की सुविधा दे रही है।

लगभग तीन करोड़ का इलाज सिर्फ जिला चिकित्सालय मेंः
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. खराड़ी ने बताया कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में 2 करोड़ 91 लाख रूपए का उपचार सिर्फ जिला चिकित्सालय में ही किया गया है। वहीं इस योजना का लाभ दे रही 7 सीएचसी के आकंड़े जोड़ लिया जाए तो यह 4 करोड़ 50 लाख रूपए का है। यानि की इतने राशि का उपचार सिर्फ अकेले प्रतापगढ़ जिले में ही किया गया है। इसके अलावा लाखों रूपए का उपचार जिले के बाहर निजी चिकित्सालयों में भी करवाया गया है।

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