प्रयास संस्थान द्वारा आयोजित चित्रकला कार्यशाला आरम्भ
चूरू। कला ही वह कौशल है जिसके बूते पर व्यक्ति संवेदनाओं के असीम छोर को छूते हुए सामाजिक और प्राकृतिक दृश्यों में जान सौंपता है। व्यक्ति का व्यक्ति होने का अहसास ही कला है। कला के कई रूप-प्रतिरूप होते हैं परंतु उन सब में चित्रकला वह नया रूप है जो मानसिक दृश्य को कागज-कैनवास पर हूबहू उतारने की काबलियत रखती है।
उक्त विचार रविवार सुबह स्थानीय जैन श्वेतांबर तेरापंथी उच्च माध्यमिक विद्यालय सभागार में स्थानीय प्रयास संस्थान की की ओर से आयोजित तथा आरडीबी फाउण्डेशन कोलकाता की और से संयोजित सात दिवसीय प्रयास-आरडीबी चित्रकला कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए शिक्षाविद-समाजसेवी नौरंग वर्मा ने व्यक्त किए। देश के ख्यातनाम चित्रकार रामकिशन अडिग, राजेंद्र कुमार सुथार और पुनीत कुमार के प्रशिक्षण में प्रारंभ इस कार्यशाला का उद्घाटन प्रतिभागी नन्ही बच्ची तनु शर्मा ने किया।
कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक और चित्रकार रामकिशन अडिग ने बताया कि चूरू अंचल के चुनिंदा बच्चों के संग इन सात दिनों में रेखा और रंग का संयोजन करने का हुनर विकसित करते हुए कला के उन प्रतिमानों को छूने का प्रयास किया जाएगा जो एक चित्र को उभारने वाले अक्स के लिए जरूरी है। जैन श्वेतांबर विद्यालय के प्रधानाचार्य हुकुमसिंह राठौड़ ने कहा कि यह नवाचार अंचल के लिए सौभाग्य की बात है। इस अवसर पर प्रयास संस्थान के अध्यक्ष दुलाराम सहारण, रामगोपाल ईसराण, विकास मील, मनोज वर्मा, राजेश कुल्हरी, विक्रम वर्मा, संजय कुमार, सज्जन शर्मा, सुभाष प्रजापत, विक्रम कुल्हरी आदि ने अतिथियों और चित्रकला प्रशिक्षकों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। कार्यशाला संयोजक डाॅ. कृष्णा जाखड़ ने धन्यवाद दिया। संयोजन कला-प्रशिक्षक अधीश कुमार ने किया।