जयपुर। प्रदेश के राजकीय विद्यालयों को वित्तीय सम्बल प्रदान करने तथा आधारभूत संरचना के सद्ढ़ीकरण के लिए दानदाता अब शिक्षा विभाग द्वारा विकसित किए जाने वाले ‘ज्ञान संकल्प पोर्टल’ एवं ‘मुख्यमंत्री विद्या दान कोष’ के जरिए अपना सहयोग कर सकेंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बनाया जा रहा यह पोर्टल फंडिंग गेप को कम करने में मददगार साबित होगा। इस पोर्टल का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे 5 अगस्त को जयपुर में होने वाले ‘फेस्टिवल ऑफ एज्युकेशन’ में करेंगी।
शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि शिक्षा विभाग ‘ज्ञान संकल्प पोर्टल’ तथा ‘मुख्यमंत्री विद्या दान कोष’ बना रहा है। इस पोर्टल एवं कोष का मुख्य उद्देश्य राजकीय विद्यालयों की मूलभूत आवश्यकताओं एवं प्राथमिकताओं के अनुसार सीएसआर, भामाशाहों, संस्थाओं व क्राउड फंडिंग के माध्यम से आवश्यक धनराशि का संग्रहण व प्रबंधन करना एवं विद्यालयों के विकास हेतु विभिन्न प्रोजेक्ट्स हेतु दानदाताओ का सहयोग प्राप्त करना हैं।
इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भामाशाह और औद्योगिक घराने कॉर्पोरेट सॉश्यल रेस्पोंसेबिलिटी (सीएसआर) के तहत जुड़कर सीधे राजस्थान सरकार को शिक्षा में किए जा रहे नवाचारों एवं आधारभूत सुविधाओं को बढ़ाने में अपना सहयोग दे सकते है।
इस पोर्टल के माध्यम में भामाशाह व औद्योगिक घराने प्रदेश के विद्यालयों को सहयोग देने के उद्देश्य से गोद ले सकते हैं। दानदाता अथवा सीएसआर कम्पनी परियोजना गतिविधि हेतु आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाकर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के माध्यम से परियोजना क्रियान्वित कर सकती हैं। दानदाताओं द्वारा दिए जाने वाले योगदान का उपयोग राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा राज्य सरकार की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार विद्यालयों के विकास हेतु किया जावेगा।
मुख्यमंत्री विद्या दान कोष में दी गयी योगदान राशि को आयकर अधिनियम की धारा 80जी के अन्तर्गत आयकर छूट प्रदान करने तथा विदेशी स्त्रोताें से योगदान प्राप्त करने के लिये ‘फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगूलेषन एक्ट’ के तहत पंजीकरण की आवश्यक कार्यवाही भी राज्यस सरकार करेगी।