चूरू। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि जल, मृदा और वृक्ष हमारी प्राणवान सम्पदा है जिसके संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए हमें तन-मन से समन्वित व संगठित प्रयास करने की महत्ती आवश्यकता है।
ग्रामीण विकास मंत्री सोमवार को मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत जिला प्रशासन एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय रिड़खला में आयोजित जिला स्तरीय वन महोत्सव कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि एक इंसान को एक दिन में 15 किलो आॅक्सीजन चाहिए जब कि पेड़ एक दिन में 5 किलो आॅक्सीजन देता है इसलिए जीवन के लिए हमें हमारे आस-पास अधिकाधिक पेड़ लगाने की महत्ती जरूरत है। उन्होंने कहा कि धर्मग्रथों में लिखा गया है कि एक पेड़ लगाना 10 कन्याओं की शादी करने के बराबर पुण्य कमाना है। उन्होंने कहा कि आज प्रदूषित हवा, पानी, खान-पान से कई बीमारियों ने घर कर लिया है।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि राज्य वन नीति के अनुसार 33 प्रतिशत जमीन पर पेड़ होने आवश्यक है जबकि राजस्थान में 9 प्रतिशत जमीन पर पेड़ है जिसके कारण बिगड़ता पर्यावरण इंसान को शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन अभियान के तहत समन्वित प्रयासों से जिले में 4.50 लाख पेड़ लगााकर उनकी परवरिश की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने ग्रामीणों को संकल्प दिलाया कि हर व्यक्ति को एक पेड़ लगाकर उसकी बच्चे की भांति परवरिश करें। उन्होंने कहा कि निरोगी काया के लिए हमें हरित पर्यावरण में वृद्धि करनी है तो वृक्षों की महत्ता को जीवन में अंगीकार करना होगा। उन्होंने युवाओं का आव्हान किया कि वे अभियान चलाकर अधिकाधिक वृक्षों को लगाकर उनकी परवरिश की जिम्मेदारी लेेवें।
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि गांवों को जल की दृष्टि से स्वावलम्बी बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत निर्मित सार्वजनिक व निजी पेयजल कुण्ड, जोहड़ व पेयजल टांको में बरसात का मीठा पानी संग्रहित व संरक्षित करना समय की महत्ती मांग है। उन्होंने कहा कि गांव रिड़खला में अभियान के तहत 160 निजी कुण्ड, 3 सामुदायिक टांके व एक सार्वजनिक जोहड़ का निर्माण करवाया गया है जो ग्रामीणों को जल की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाएंगे।
जिला प्रमुख हरलाल सहारण ने कहा कि मुख्यमंत्री की महत्ती सोच के अनुरूप राज्य में वन महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक पेड़ लगाना एक बच्चे को पालने के बराबर है अतः हर व्यक्ति को कम से कम एक पेड़ लगाकर उसकी परवरिश की जिम्मेदारी लेनी आवश्यक है।
उप वन संरक्षक जी.के. वर्मा ने वन विभाग द्वारा जिले में वृक्षारोपण कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए जिले में जुलाई में 10 लाख पौधे वितरित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के सहायक अभियंता महेन्द्र कुमार ने अभियान के तहत चूरू ब्लाॅक में जल बचत, जल संरक्षण व जल संवर्द्धन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण करवाए गये सार्वजनिक व निजी पेयजल कुण्ड, सार्वजनिक जोहड़ व टांको की जानकारी से अवगत कराया।
शपथ:- पंचायती राज मंत्री ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री के संदेश का पठन कर उपस्थित जन को अधिकाधिक वृक्ष लगाने एवं पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए शपथ दिलाई।
वृक्षारोपण:- ग्रामीण विकास मंत्राी, जिला प्रमुख, उप सभापति अनवर थीम सहित अतिथियों ने विद्यालय परिसर में पीपल, शीशम, नीम व सरेश के पौधे लगाए और छात्रा-छात्राओं को पौधों की परवरिश की जिम्मेदारी सौंपी।
इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी राकेश कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेन्द्र लोढा, विकास अधिकारी दीनबन्धु सुरोलिया, अधीक्षण अभियंता गोपीलाल, उपसभापति अनवर थीम, सीताराम लुगरिया, ग्राम सरपंच, छात्रा-छात्राएं, वन विभाग के अधिकारी व कार्मिक, ग्रामीण महिलाएं व पुरूष उपस्थित थे। समारोह का संचालन मुकुल भाटी ने किया।
लोकार्पण:- ग्रामीण विकास मंत्री ने रिड़खला गांव में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत 17 लाख रूपये की लागत से निर्मित सार्वजनिक जोहड़ का लोकार्पण किया। उन्होंने सहायक अभियंता को निर्देश दिये कि वे जोहड़ के कैचमेंट एरिया को त्वरित दुरूस्त करें ताकि आस-पास की मिट्टी जोहड़ में न आ सके।